अत्याचार के खिलाफ महिलाओं में प्रतिरोध की संस्कृति विकसित करनी होगी: अरुणा सिंह

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लखनऊ॥ आधी आबादी पार्टी के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर इंदिरा नगर दी ब्लाक स्थित पार्टी कार्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने महिलाओं की स्वतंत्रता, समानता और बराबरी के अधिकार की आवश्यकता बताई। वक्ताओं ने कहा कि देवियों को पूजे जाने वाले देश में ही महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं खासकर बच्चियों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए महिलाओं को खुद आगे आना होगा।

Aruna Singh

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रही आधी आबादी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुणा सिंह ने कहा कि आज देश में आधी आबादी का कोई पुरसाहाल नहीं है। देश खासतौर से उत्तर प्रदेश में में आये दिन महिलाएं व किशोरियां छेड़छाड़ और बलात्कार का शिकार हो रही हैं। महिलाओं के हत्या आम बात हो गई है। महिलाएं व किशोरियां न तो घर में सुरक्षित हैं और न ही बाहर। इसके लिए सरकार और समाज दोनों बराबर का जिम्मेदार है।

अरुणा सिंह ने कहा कि आजादी के बाद से ही महिलाओं के हक़ और हक़ूक़ की बातें की जाती रहीं हैं, लेकिन अभी तक हमें कायदे से शिक्षा का अधिकार भी नहीं मिल सका है। आबादी का आधा हिस्सा होने के बावजूद अभी तक संसद व विधानसभाओं में महिलाओं की तादाद गिनी-चुनी ही रहती है। महत्वपूर्ण निर्णयों में महिला प्रतिनिधियों की रे को अहमियत नहीं दी जाती है। दशकों से महिला आरक्षण बिल सदन के पटल पर नहीं रखा जा सका।

आधी आबादी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुणा सिंह ने कहा कि अभी तक महिलाओं को सिर्फ वायदे और धोखे ही मिले हैं। इसलिए अब समय की मांग है कि हम अपने हक़ और हक़ूक़ की लड़ाई खुद लड़ें। इसकी शुरुवात घर से होनी चाहिए। स्कूल-कालेज और कार्यालय में निडर होकर रहना होगा। महिलाओं में प्रतिरोध की संस्कृति विकसित करनी जरुरी है। प्रतिरोध के बिना कुछ नहीं मिलने वाला।

संगोष्ठी में प्रदेश अध्यक्ष वर्षा ऋतुश्रेष्ठ, रेखा जी, आरसी शर्मा, जेपी आर्या और मंजू सिंह समेत अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी का संचालन रेखा जी ने किया।

 

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