जोधपुर: आसाराम (Asaram Bapu) की हालत में अब सुधार है। वह अपने ही गुरुकुल की छात्रा से यौन शोषण के आरोप में सलाखों के पीछे हैं। गुरुवार को उन्हें अस्पताल के सीसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। आसाराम केस (Asaram Bapu) में सहयोगी रही शिल्पी भी अचानक से अस्पताल पहुंच गई जबकि अस्पताल में पूरी तरह से पुलिस का पहरा है।
आसाराम (Asaram Bapu) के स्वास्थ्य कामना करने आई शिल्पी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उसने उनके जल्द रिहा होने की अपील भी न्यायालय से की है। पहले शिल्पी ने मीडिया से बातचीत करने से इंकार कर दिया और खुद को शिल्पी होने से भी मना कर दिया गया था। मगर बाद में उसने मीडिया को बयान दिया।
Asaram Bapu को दादा की उम्र का बताया
सबसे बड़ी बात है कि आसाराम (Asaram Bapu) के समर्थक अस्पताल में ना जुटे इसके लिए पुलिस ने अस्पताल परिसर को पूरी तरह घेरे में ले रखा है। मगर उसके वावजूद शिल्पी का वहां पहुंचने पुलिस की कार्यशैली पर भी प्रश्र चिन्ह खड़ा कर रहा है। वह अस्पताल में आसारास (Asaram Bapu) के सीसीयू वार्ड तक पहुंची और उनकी कुशलक्षेम को जाना। उसने आसाराम को दादा की उम्र का बताया है।
सांस में तकलीफ एवं सीने में दर्द की शिकायत
आसाराम (Asaram Bapu) को गत मंगलवार की रात को सांस में तकलीफ एवं सीने में दर्द की शिकायत के बाद पहले एमजीएच लाया गया था। रात को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अब उसकी सेहत में सुधार है।
मोक्ष की प्राप्ति भारतीय दर्शन में अहम है। भारतीयों की साधु—संतों के साथ समागम विशेषता रही है। धर्म के नाम पर आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करते रहे हैं। तथाकथित साधु-संतों ने डर का ऐसा जाल बुना कि उनके लोगों को लगने लगा परलोक सुधार के इससे बेहतर साधन कुछ और नहीं हो सकता है।
ये बात अलग है कि वो ऐसे कृत्य को अंजाम देते हैं जो न तो नैतिक है, न कानून सम्मत। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह छेड़छाड़ मामले में फंसे हैं। बीते वर्षों में ऐसे साधु संतों की एक सूची मीडिया में सुर्खियों में रही है।