जोधपुर॥ अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण (sexual abuse of minor girl) के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम (Asaram) की सेहत में अब सुधार आ गया है। वह पिछले करीब एक सप्ताह से जोधपुर एम्स में भर्ती है। पोस्ट कोविड दिक्कतों से उसे काफी हद तक निजात मिल चुकी है। साथ ही उसका यूरिन इंफेक्शन भी नियंत्रित हो गया है। इसको देखते हुए एम्स प्रशासन उसे एक-दो दिन में वापस जेल भेजने की तैयारी कर रहा है।
एम्स सूत्रों का कहना है कि आसाराम (Asaram) की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। वह खुद अब पहले से काफी अच्छा महसूस कर रहा है। शुरुआत में इलाज कराने में आनाकानी करने वाला आसाराम अब डॉक्टरों को पूरा सहयोग कर रहा है। उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि मरीज के सहयोग देने के कारण उनके लिए इलाज करना आसान रहा।
उनका कहना है कि आसाराम (Asaram) के शरीर के सारे अंग सामान्य तरीके से काम कर रहे है। अब उसे कोई विशेष बीमारी नहीं है। यूरिन इंफेक्शन पहले काफी बढ़ गया था लेकिन लगातार इलाज के बाद से यह नियंत्रित हो गया है। उसका ऑक्सीजन लेवल भी सामान्य हो गया है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो एक-दो दिन के भीतर उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इधर एम्स में भर्ती आसाराम से मिलने लगातार उसके समर्थक पहुंच रहे है। बारी-बारी से चुनिंदा लोग भीतर जाकर उससे मिलकर आ रहे है। उससे मिलने वालों का दिनभर तांता लगा रहता है।
याद दिला दें कि माह के पहले सप्ताह में आसाराम (Asaram) कोरोना संक्रमित पाया गया था। इसके बाद उसे पहले महात्मा गांधी व बाद में एम्स में भर्ती करवा कर इलाज कराया गया। इस दौरान उसने हाईकोर्ट में अपनी बीमारी का इलाज आयुर्वेद्ध पद्धति से कराने के लिए जमानत याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट के आदेश पर एम्स के मेडिकल बोर्ड ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट पेश की। इसके आधार पर उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट के इस आदेश को आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहां भी सुनवाई ग्रीष्मावकाश तक टल गई।
आपको बता दें कि अगस्त 2013 में जोधपुर के एक आश्रम में अपने गुरुकुल की एक नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। इसके बाद आसाराम (Asaram) को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब से वह जोधपुर जेल में बंद है। अप्रैल 2018 में उसे मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई थी। आसाराम अब तक 15 से अधिक बार जमानत हासिल करने का प्रयास कर चुका है। देश के नामी वकील उसकी तरफ से पैरवी कर चुके है, लेकिन हर बार उसकी याचिका खारिज होती रही है।