आशा कार्यकत्रियों ने स्टीकर लगाकर बताये बीमारी से बचाव के उपाय

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कुशीनगर। विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह एवं दस्तक पखवाड़ा के तहत आशा कार्यकर्ता विकलिस फातिमा संग आशा संगिनी पूनम भारती ग्राम पंचायत पिपरा कनक ( मठिया) शनिवार को पहुँची। उनके द्वारा लोगों के घरों का दरवाजा खटखटाया गया और स्टीकर चस्पा किया गया। दिमागी बुखार के साथ अन्य संचारी रोगों से बचाव का उपाय भी बताया।

communicable disease

आशा और संगिनी ने गांव की मीरा देवी, अनीता देवी और मालती देवी को बताया कि गंदगी व जलभराव से मच्छर पनपते हैं। मच्छरों के काटने से दिमागी बुखार, मलेरिया, फाइलेरिया जैसी संक्रामक बीमारी हो सकती है। ऐसे में सभी लोग अपने घरों के आस-पास साफ-सफाई रखें। गंदगी न होने दें। शौचालय का प्रयोग करें। खुले में शौच कत्तई न करें। साबुन पानी से हाथ धूलते रहें। किसी भी प्रकार का बुखार हो अपने मन से दवा न लें । प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लें।

संगिनी ने लोगों को बताया कि सभी लोग स्वच्छ पेयजल का सेवन करें। साधारण हैंडपंप का पानी न पिएं। इंडिया मार्का हैंडपंप का पानी पिएं। पानी गरम करके पिएं। वहीं पर प्रसूता किरन देवी से कहा गया कि वह छह माह तक बच्चे को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएं। छह माह बाद अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान जारी रखें। मां का दूध बच्चे के लिए संपूर्ण आहार है।

इसके बाद आशा व संगिनी ने उप स्वास्थ्य केन्द्र पिपरा कनक ( मठिया) में आयोजित ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस( वीएचएनडी) में भी प्रतिभाग किया। ड्यू लिस्ट के अनुसार बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण कराने में सहयोग किया।

लक्षण वाले व्यक्तियों के बारें में ली जानकारी

आशा संगिनी पूनम भारती ने दस्तक पखवाड़े के तहत घर-घर जाकर टीबी, दिमागी बुखार और कालाजार  के लक्षण वाले व्यक्तियों तथा कुपोषित बच्चों के बारे में भी जानकारी हासिल किया । उन्होंने लोगों से कहा कि यदि किसी को लंबे समय से बुखार व खाँसी आ रही हो, वजन कम हो रहा हो तथा टीबी के लक्षण हो तो छिपाएं नहीं बल्कि खुल कर बताएं ताकि समय रहते जांच कर इलाज शुरू हो सके। इसी प्रकार कालाजार व फाइलेरिया के लक्षण बताकर जांच कराने की सलाह दी।

दिमागी बुखार से बचने के उपाय

  • गंदगी से दूर रहें।
  • घर के आस-पास गंदगी न होने दें।
  • जल निकासी व जलभराव की समस्या हो तो तत्काल निस्तारण करें।
  • शौचालय का प्रयोग करें।
  • पूरी बांह की कमीज पहनें ।
  • मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • स्वच्छ पेयजल का सेवन करें।
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