अश्विन ने सुनाई “कैरम बॉल” की कहानी, इतने साल की मेहनत लाई रंग

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नई दिल्ली॥ इंडिया के दिग्गज बॉलर रविचंद्रन अश्विन को लगता है कि गेंद को चमकाने के लिए लार का प्रयोग करना खिलाड़ियों की आदत है। कोविड-19 संकट से उबरने के बाद जब दोबारा से खेल की शुरुआत होगी तो लार का प्रय़ोग न करने और इसे व्यवहार में लाने में लोगों को समय लगेगा।

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अनिल कुम्बले की अध्यक्षता वाली ICC की क्रिकेट कमिटी ने बॉल को चमकाने के लिए लार के प्रयोग को भयावह बताया है। हालांकि इस कार्य के लिए पसीने का प्रयोग अब भी जारी रखेगा। ऐसे में सोमवार को हुई आईसीसी क्रिकेट समिति की बैठक में कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए लार के प्रयोग पर बैन लगाने की सिफारिश की गई है।

ऐसे में आर.अश्विन ने प्रतिबंध की अनुशंसा के मसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, मुझे नहीं मालूम कि मैं मैदान पर कब जाउंगा। गेंद पर लार का प्रय़ोग करना सामान्य सी बात है। बॉल पर लार नहीं लगाने के लिए खिलाड़ियों को प्रेक्टिस करनी पड़ेगी। हमें कोशिश करके इसे अपनाना होगा।

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दिल्ली कैपिटल्स टीम के साथ सोशल मीडिया चैट के दौरान आर.अश्विन ने अपनी कैरम बॉल के बारे में कहा, कैरम बॉल को इजाद करने में उन्हें 4 वर्ष लंबा समय लगा था। उन्होंने कहा कि ये मैदान पर कई तरह के वेरिएशन लाने की कोशिश थी। कई बार ऐसा करने पर आपके हाथ निराशा लगती है। अपने हाथ की बीच की उंगली से कैरम खेलने की कल्पना कीजिए ऐसे में आप ऐसा गेंद के साथ कर रहे हैं जिसका वजन स्ट्राइकर की तुलना में कई गुना अधिक है और जिसे कम नहीं किया जा सकता। आप उसे गति के साथ स्पिन कराने का प्रयास कर रहें हैं।

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