ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की बदलती चाल की वजह से कई बार विवाह में देरी होने लगती है। कहा जाता है कि कर्मों का फल या कर्म दंड हर इंसान को जरूर भुगतना पड़ता है। अशुभ प्रभाव की वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। वहीं कई बार तमाम कोशिश के बाद बाद भी लोगों की शादी नहीं हो पाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे कई उपाय बताए हैं जिन्हें अपनाने से आपकी ये समस्या हल हो सकती है।
वैसे तो शादी होने में देरी होने की कई वजहें होती हैं। कुछ लोग करियर बनाने और चमकाने के कारण से शादी को महत्व नहीं देते हैं जिससे समय पर उनकी शादी नहीं हो पाती है। हालांकि लोगों की ये मानसिकता सही नहीं है। वहीं कई नवयुवक और युवतियां ऐसी हैं जिनमें उम्र बढ़ने के साथ उनकी शादी में समस्या आने लगती है। शादी में देरी का असर सिर्फ लड़के और लड़की पर ही नहीं बल्कि पूरे परिवार पर पड़ता है। इससे पूरा परिवार तनाव में रहता है।
अगर परिवार के लाख प्रयास के बाद भी किसी की शादी पक्की नहीं हो पाती है या फिर तय होने के बाद बिना किसी वजह से टूट जाती है। आपको बता दें कि शादी में हो रही देरी और अड़चन की वजह कई बार ग्रहों का प्रभाव और उनकी चाल होती है। ज्योतिषी बताते हैं कि अगर किसी जातक की कुंडली में सांतवें भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव होता है तब उसकी शादी में बाधाएं आने लगती हैं। वहीं अगर कुंडली में पितृ दोष, मांगलिक दोष और सप्तम भाव में ग्रहों की युति भी है तो विवाह में देरी होने लगती है। इसी तरह अगर किसी के सप्तम भाव में सूर्य कमजोर हो तो भी विवाह में देरी होने लगती हैं।
ज्योतिषशास्त्र में हर समस्या का समाधान है। अगर शादी में देरी हो रही है तो आप ज्योतिष के उपायों को अपना कर उनका हल निकाल सकते हैं।
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