नई दिल्ली। साल 2021 का आखिर चंद्रग्रहण आज यानी 19 को शुरू हो गया है। ये चंद्रग्रहण भारत में बड़े राजनीतिक उथल-पुथल करेगा। इस बार का चंद्रग्रहण 6 सदियों का सबसे लंबी अवधि का आंशिक चंद्र ग्रहण है। यह आंशिक चंद्र ग्रहण पश्चिम यूरोप, पश्चिम अफ्रीका, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के कुछ इलाकों में ही दिखाई देगा। साथ ही ये भारत के अरुणाचल प्रदेश और असम में भी कुछ समय के लिए नजर आएगा।
ज्योतिष कहते हैं कि इस चंद्र ग्रहण के बाद उत्तर भारत में शीत लहर और दक्षिण भारत में भारी वर्षा से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा। ज्योतिष के मुताबिक ग्रहण की कुंडली में मंगल और बुध का अष्टम भाव में होना तथा उस पर एकादश भाव से शनि की दृष्टि पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल और असम में चीन की सीमा पर तनाव बढ़ने का इशारा कर रही है।
चंद्रमा के साथ आया राहु
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ये आंशिक चंद्र ग्रहण वृष राशि में लग रहा है जो कि राहु के साथ है। इसे केतु और सूर्य देख रहे हैं। यही कारण है कि ये चंद्र ग्रहण बेहद अशुभ संकेत दे रहा है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ऐसी स्थिति में भारत सरकार के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। सरकार के विरोध में कई तरह के आंदोलन हो सकते है। महंगाई को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर रहेगा। पड़ोसी देशों से भी भारत को तनाव मिलने के संकेत नजर आ रहे हैं। साफ शब्दों में कहें तो पड़ोसी देशों से टकराव की स्थित उत्पन्न हो सकती है। वहीं आपदा आने या फिर बड़ी जनहानि और धनहानि होने की भी आशंका है।