आजादी के वक्त पंडित नेहरू कर बैठे थे ये बड़ी गलती, भारतीयों को नहीं था ऐसा मंजूर

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नई दिल्ली ।। पूरा देश आज independence day-2019 की तैयारियों में डूबा हुआ है। कल यानी 15 AUGUST को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले के प्रचीर से देशवासियों को संबोधित करेंगे।

ऐसे में आइए झांकते हैं आजादी से जुड़ी अतीत की कुछ ऐसी घटनाओं में जहां हमारे नेताओं से हो गईं थीं कुछ बड़ी भूल। हालांकि यह कुर्बानी बड़ी, याद छोटी जैसी बात है। सभी जानते हैं कि 15 AUGUST 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था, लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि आजादी की यह तारीख हिंदुस्तानीयों की पसंद नहीं थी।

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ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बावजूद इसके independence day-2019 ( india independence day 2019 ) के लिए इस तारीख को क्यों चुना गया। ऐसा केवल एक ही सवाल नहीं है, जिसका जवाब आज भी हर हिंदुस्तानीय मानस चाहता है। देश की आजादी से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं जैसे कि…

  • आखिर वो कौन क्या तारीख थी, जो हिंदुस्तानीयों को पसंद थी?
  • 14 अगस्त आधी रात को संसद विशेष सत्र क्यों बुलाया गया?
  • तिरंगा पहली फहराने के लिए लाल किले को ही क्यों चुना गया?

दरअसल, अंग्रेजों ने हिंदुस्तान को आजाद करने के लिए 15 AUGUST 1947 की तारीख चुनी। क्योंकि हिंदुस्तान के अंतिम गर्वनर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन थे। इसलिए यह तारीख भी उन्हीं के द्वारा चुनी गई। इसके पीछे की वजह अगर जानें तो यह द्वितीय विश्व युद्ध में दुश्मन सेना के सामने जापान के आत्मसमर्पण का दिन था। जबकि हिंदुस्तानी आजादी के लिए 26 जनवरी 1948 का दिन चुनना चाहते थे।

लेकिन माउंटबेटन और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते थे और उन्होंने 15 AUGUST पर ही मुहर लगा दी। वहीं, जब आधी रात को संसद का संत्र बुलाया गया तो नेहरू ने ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ भाषण दिया। इसके काफी समय बाद नेहरू ने अपनी बहन इस वाकये को साझा किया।

उन्होंने अपनी बहन को बताया कि कैसे उन्हे उस दिन होश नहीं था और वह क्या बोल रहे थे। इसकी भी उनको कोई सुध नहीं थी। मानों जैसे कि शब्द उनकी जुबान से फिसलते जा रहे थे। क्योंकि उनके दिमाग में तो लाहौर के ही आग भरे नजारे कांप रहे थे।

फोटो- फाइल

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