
शिक्षित और खूबसूरत शहर चंडीगढ़ देश के अग्रणी शहरों में शामिल हो रहा है, मगर जल संरक्षण में चंडीगढ़ पिछड़ रहा है। पिछले एक दशक के दौरान चंडीगढ़ में भूजल स्तर में 28.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
यह बात जल शक्ति राज्य मंत्री विश्वेश्वर ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में भूजल की वसूली के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में व्यक्त की है. मंत्री ने खुलासा किया कि 2017 में चंडीगढ़ में 89 % पानी जमीन के नीचे से निकाला जा रहा था, मगर 2022 में यह घटकर 80.99 % रह जाएगा.
मिली खबर के मुताबिक, चंडीगढ़ में 14 कुओं के जल स्तर के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि पांच कुओं में भूजल स्तर में 35.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि नौ कुओं में भूजल स्तर में 64.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। चंडीगढ़ नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भूजल में कमी का मुख्य कारण भूजल की अत्यधिक निकासी और कम रिचार्ज है।
केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री ने एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच भूजल दोहन में पहले की तुलना में बचत हुई है. उन्होंने कहा कि साल 2017 में चंडीगढ़ में 89 % पानी जमीन से निकाला जा रहा था, मगर साल 2022 में ये घटकर 80.99 % रह जाएगा.