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अपना पैसा निकालने के लिए लोगों को बैंकों में घंटों लाइन में लगना पड़ा। मगर एटीएम की सुविधा से पैसा निकालना आसान है। अब लोग अपने घर के पास किसी भी बैंक की एटीएम मशीन में जाकर आसानी से पैसा निकाल लेते हैं। मगर एटीएम से पैसा निकालने के लिए चार अंकों के पिन कोड की जरूरत होती है। एटीएम कार्ड को एटीएम मशीन में डालने के बाद चार अंकों का पिन कोड डाले बिना निकासी नहीं की जा सकती है, इसलिए यह चार अंकों का पिन कोड बहुत महत्वपूर्ण है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि एटीएम का पिन कोड चार अंकों का ही क्यों होता है, तो आइए जानते हैं-

अब हम चार अंकों का पिन कोड दर्ज करके एटीएम मशीनों से पैसा निकालते हैं, मगर शुरुआत में छह अंकों का पिन कोड दर्ज करके निकासी की जाती थी। क्योंकि चार अंकों के पिन कोड की तुलना में छह अंकों का पिन कोड सुरक्षा के लिहाज से बेहतर माना जाता था। मगर अक्सर लोगों को छह अंकों का पिन कोड याद नहीं रहता, ऐसे में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद एटीएम पिन कोड को चार अंक का रखने का निर्णय लिया गया।

अब बहुत कम बैंक एटीएम कार्ड के लिए छह अंकों के पिनकोड का इस्तेमाल करते हैं। विश्व के कई मुल्कों में एटीएम कार्ड के लिए छह अंकों का पिन कोड भी होता है। अगर चार की जगह छह अंकों का पिन कोड हो तो किसी को दूसरे व्यक्ति का पिन जल्दी याद नहीं रहता। इससे पिन हैकिंग के चांस भी काफी कम हो जाते हैं।

एटीएम का चार अंकों का पिनकोड 0000 से 9999 के बीच होता है। यह 10000 अलग-अलग पिन नंबर तक स्टोर कर सकता है। जिसमें 20 % लोगों के एटीएम पिन हैक होने की संभावना है। इस वजह से चार अंकों के पिन की तुलना में छह अंकों का पिन अधिक सुरक्षित माना जाता है।
 

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