अयोध्या केस- मुख्य न्यायाधीश की तबीयत बिगड़ी, लंच के बाद टली सुनवाई

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उत्तर प्रधेश ।। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में पर चल रही नियमित सुनवाई के 27वें दिन की कार्रवाई आधे दिन लंच तक ही चल सकी। ऐसा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की तबीयत ठीक न होने के कारण हुआ। लंच के बाद आज की आगे की सुनवाई को टाल दिया गया। आज केस से जुड़े एक अहम मामले पर सुनवाई जरूर हुई।

अयोध्या पर दलीलें सुनने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों की पैरवी कर रहे वकील राजीव धवन वाले मामले पर सुनवाई की थी। दरअसल, राजीव धवन को 88 साल के एक सेवानिवृत्त लोकसेवक ने मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने पर धमकी भरा पत्र लिखा था। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बंद कर दिया।

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दरअसल, सेवानिवृत्त लोकसेवक एन षणमुगम ने लिखे पत्र पर खेद व्यक्त कर दिया था। इस पर कोर्ट ने उन्हें आगे ऐसा न करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया। राजीव धवन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि वह इस सेवानिवृत्त लोक सेवक के लिए किसी प्रकार का दंड नहीं चाहते लेकिन पूरे देश में यह संदेश जाना चाहिए कि किसी भी पक्ष की ओर से पेश होने वाले किसी वकील को इस तरह से धमकी नहीं दी जानी चाहिए।

इससे पहले 26वें दिन चीफ जस्टिस ने सुनवाई की डेडलाइन तय की थी। रंजन गोगोई ने 18 अक्टूबर तक दलीलें पूरी करने बात कही थी। डेडलाइन तय किए जाने के बाद मामले में 17 नवंबर तक फैसला आने की उम्मीद बढ़ गई है। दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली संवैधानिक बेंच मामले की सुनवाई कर रही है और चीफ जस्टिस का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है। हो सकता है कि फैसला उनके कार्यकाल में ही आ जाए।

फोटो- फआइल

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