Ayodhya Verdict: SC के फैसले से मुस्लिम पक्षकार खुश तो सुन्नी वक्फ बोर्ड हुआ नाराज, कही ये बात

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नई दिल्ली. स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे चर्चित अयोध्या भूमि विवाद पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने शनिवार को अपना फैसला सुनाया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें अयोध्या की यह विवादित भूमि रामलला विराजमान को दी गई है। वहीं सुन्नी वक्फ को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है।

हालांकि यह जमीन अयोध्या में ही किसी दूसरी जगह होगी। CJI रंजन गोगोई ने मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है। इसके लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने का वक्त दिया है।

अयोध्या पर फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार इस मामले पर अपना फैसला सुना दिया। मैं कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करता हूं। लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड ने फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। ज़फ़रयाब जिलानी बोले रिव्यू पिटीशन पर विचार करेंगे।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस मुकदमें की 40 दिन तक मैराथन सुनवाई करने के बाद गत 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

देश के संवेदनशील मामले में फैसला सुनाने से पहले सीजेआई रंजन गोगोई ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। यह फैसला सर्वसम्मति से हुआ है। यानी 5 जजों की बेंच ने एक मत से यह फैसला सुनाया। इस फैसले के मद्देनजर देशभर में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।

सुप्रीम फैसले से ठीक पहले कड़े सुरक्षा घेरे में अयोध्या शांत, संयत पर कौतूहल से भरी है। रामनगरी की ओर जाने वाले हर नाके पर सुरक्षा बलों की कड़ी चौकसी है। लोग घरों से बाहर निकलने के पहले हालात को भांप रहे हैं। जिले की सीमा में निजी वाहनों की आवाजाही तो है पर गहरी जांच-पड़ताल के बाद। रामकोट जाने वाले सभी मार्गों पर बेरीकेडिंग कर दी गई है। वाहनों का भी प्रवेश रोक दिया गया है। सिर्फ उन्हीं को जाने की इजाजत दी जा रही है, जो वहां से निवासी हैं। ये इजाजत भी आइकार्ड देखने के बाद ही दी जा रही है। दंगा निरोधक बल जगह-जगह सजग दिख रहे हैं। वहीं शहर में आने वाले मार्गों पर बसों को भी रोका गया है। सिर्फ बाईपास से ही आने-जाने की इजाजत है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्‍होंने एक के बाद एक अपने कई ट्वीट्स में कहा कि अयोध्या पर फैसले को किसी समुदाय की हार या जीत के तौर पर नहीं देखना चाहिए। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।

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