फैसले से पहले बदल रही अयोध्या की हवा, आशंकाओं के बीच कुछ ने जमा किया राशन, प्रशासन अलर्ट

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उत्तर प्रदेश॥ यूपी के अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सर्वोच्च अदालत का फैसला किसी भी दिन आ सकता है, ऐसे में अयोध्या में हवा बदल रही है। आशंकाएं और तनाव महसूस किया जा सकता है। यहां के लोग अपनी ओर से तैयारियां पूरी करना चाहते हैं। कुछ लोगों ने खाने-पीने और घर की जरूरत का अन्य सामान जमा करना शुरू कर दिया है तो कुछ महिलाओं और बच्चों को अपनी ओर से सुरक्षित स्थानों पर भेजने में लगे हैं।

दूसरी ओर, प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और वह पूरे अयोध्या में सुरक्षा और शांति बनाए रखने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता। कुछ लोग तो शादियां कैंसल कर रहे हैं और कुछ विवाह स्थल जिले के बाहर शिफ्ट करने में जुटे हैं। सैयदवाड़ा में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है। यहां मंदिर और हिंदू परिवारों के भी घर हैं। इसी इलाके में रहने वाले एक अधेड़ उम्र के दर्जी ने बताया, ‘वे (स्थानीय निवासी) आपस में बात करते हैं कि इस बार सैयदवाड़ा को निशाना बनाया जाएगा। यह काफी चिंता की बात है।’

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एक आदमी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘वे लोग कह रहे हैं कि अगर फैसला राम मंदिर के पक्ष में नहीं आया तो संकट हो सकता है। ऐसे हालात में अगर हम अपने परिवार को यहां से न भेजें तो क्या करें?’ पिछले साल जब नवंबर में शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता कस्बे में आए थे तब भी समुदाय के कुछ लोगों ने ऐसा ही किया था। वहीं एक दुकानदार का कहना है कि वह तीन पीढ़ी से विख्यात हनुमान गढ़ी मंदिर के बाहर लड्डू बेचते हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमने जरूरी इंतजाम कर लिए हैं और घर के लिए चावल, दालें आदि जमा कर ली हैं।’ उमर फारुक जो रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक पक्षकार भी हैं, ने कहा कि उन्होंने सब देख लिया है- 1990 की हिंसा, 1992 में बाबरी मस्जिद का गिराना और उसके बाद का सारा घटनाक्रम, 2010 में हाईकोर्ट के फैसले के वक्त का तनाव का माहौल और जब पिछले साल शिवसेना अयोध्या पहुंची थी।

उन्होंने आगे कहा, ‘इन सबके बावजूद अयोध्या के लोगों को एक-दूसरे से कभी परेशानी नहीं हुई। परेशानी तब होती है जब भीड़ बाहर से आती है। हमारे लिए वह चिंता का विषय होता है।’ जिला प्रशासन ने इस बीच विभिन्न समुदाय के नेताओं के साथ शांति बैठकें की हैं।

इसके साथ ही वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाए गए हैं जिसके जरिए हालात का रीयल टाइम जायजा लिया जाएगा और साथ ही आपातकालीन स्थिति में जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षाबल भी तैनात किए जा सकेंगे। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर में हिंदू महंतों और मुस्लिम इमाम के साथ कई बैठकें की गई हैं। इनमें लोगों की चिंताओं पर तवज्जो दी गई है, साथ ही सुरक्षा का आश्वासन भी दिया गया है।

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