ऑपरेशन रूम में डॉ. के बजाय अगर मैकेनिक आ जाए, हाथों में हेल्थ इंस्ट्रूमेंट की जगह छेनी और कटर मशीन हों तो इसे क्या कहेंगे ? ऐसा ही हुआ है बलियापुर हीरक रोड स्थित जेपी हॉस्पिटल में।
दरअसल यहां 37 वर्षीय श्याम सुंदर के गुप्तांग में बीती सुबह एक लोहे का बैरिंग फंस गया। इसके पश्चात वो मूत्र दान करने में असमर्थ हो गया, पेट फूलने लगा। तुरंत निरसा के एक निजी हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां से दो और प्राइवेट अस्पतालों में ले जाया गया। सभी ने जवाब दे दिया।
किसी प्रकार पीड़ित को धनबाद के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल लाया गया। यहां के वैध भी हैरान-परेशान थे। किसी ने बिलायपुर स्थित जेपी हॉस्पिटल के बारे में जानकारी दी। इसके बाद पीड़िता शख्स का सफल आपरेशन किया गया।
हॉस्पिटल में इससे पहले भी गिरिडीह के एक रोगी को इसी प्रकार का केस का सफल ऑपरेशन किया गया था। पहले डॉ. ने बेरिंग निकालने के लिए बहुत प्रयास किये। किंतु डॉ. और उनकी टीम कामयाब नहीं हुई। तो वहीं युवक का निरंतर पेट फूलता जा रहा था। इसके बाद बगल से गाड़ी मैकेनिक को बुलाया गया। वो उस शख्स अपने साथ लोहा कटर को लेकर आया। डॉक्टरों की देखरेख में लगभग 1.30 घंटे तक बेरिंग काटने का प्रयास किया गया। अंततः सुरक्षित तरीके से बेरिंग काट लिया गया। तो वहीं युवक की जान बच गई।