Pooja-पाठ करने से पहले जान लें ये 10 नियम, पालन करना है जरूरी

img

पूजा-पाठ (Pooja) के भी कुछ नियम-कायदे होते हैं। अक्सर लोग इनको नजर-अंदाज कर देते हैं। वहीं ज्यादातर लोगों को इनके बारे में जानकारी तक नहीं होती है। भगवान, ईश्वर या अपने आराध्य देव की पूजा सभी करते हैं। लोग दिन में एक बार जरूर पूजा करते हैं। वहीँ पूजा-पाठ के भी कुछ नियम होते हैं। हालाँकि अक्सर लोग इनको नजरअंदाज कर देते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को इनके बारे में जानकारी भी नहीं होती है।Pooja

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पूजाअर्चना करने के दौरान कौन-सी सावधानियां बरतनी चाहिए-

सबसे पहले जान लें कि पूजा घर हमेशा घर के ईशान कोण में होना उपर्युक्त माना गया है। साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि पूजा घर में किसी एक देवी-देवताओं की मूर्तियां एक से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

पूजा स्थान पर दीपक सही स्थान पर रखना चाहिए। शुद्ध घी का दीपक हमेशा दाईं तरफ और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए। जल पात्र, घंटा, धूपदानी जैसी चीजें हमेशा बाईं तरफ रखनी चाहिए।

पूजन में भगवान को तिलक सिंदूर, चंदन, कुमकुम और हल्दी को अनामिका उंगली (छोटी उंगली के पास वाली उंगली ) से लगाना चाहिए।

भगवान विष्णु को चावल, गणेश जी को तुलसी, देवी को दूर्वा और सूर्य को बिल्व पत्र कभी नहीं चढ़ाना चाहिए।

शिव जी को बेल-पत्र, विष्णु को तुलसी, गणेश जी को हरी दूर्वा, सूर्य भगवान को लाल कनेर के फूल और मां दुर्गा को लौंग व लाल फूल बेहद प्रिय होते हैं।

गणेश जी, हनुमान जी, दुर्गा माता या किसी भी मूर्ति से सिंदूर लेकर माथे पर नहीं लगाना चाहिए।

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि देवी-देवताओं की मूर्ति के सामने कभी भी पीठ दिखाकर नहीं बैठना चाहिए।

पूजन करते समय मुंह उत्तर या पूर्व की दिशा में होना चाहिए।

पूजा खत्म होने के बाद भगवान से अपनी भूल के लिए उनके समक्ष क्षमा याचना जरूर कर लेनी चाहिए।

घर में पूजा के बाद शंख बजाने से पहले जान लें ये नियम, नहीं तो हो सकता है…

Related News