सावधान : ये मोबाइल एप आपकी लाइफ कर सकता है तबाह, बचने के लिए अपनाएं ये तरीका

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टेक्नॉलाजी/Technology/नई दिल्ली

नई दिल्ली। आज के दौर में मोबाइल यूजर्स कोई भी काम भले ही भूल जाये किन्तु मोबाइल में अपडेट रहना नहीं भूल पाता है। जिससे फोन के हैकर्स घात लगाए बैठे रहते है। जी आपको बतादें की व्हाट्सएप के जरिए भारत समेत दुनियाभर के 1,400 पत्रकारों व कार्यकर्ताओं की जासूसी को लेकर चर्चा को विषय बना हुआ है।

दरअसल आपको बतादें की व्हाट्सएप कहना है कि इजरायस की एनएसओ नाम की कंपनी ने अपने पिगासस सॉफ्टवेयर (स्पाईवेयर) के जरिए इस जासूसी को अंजाम दिया है।

साथ ही आपको बताते चलें की व्हाट्सएप ने अपने एक बयान में कहा है कि व्हाट्सएप एप के कॉलिंग फीचर में एक कमी के कारण यह जासूसी हुई है। अब बड़ा सवाल यह खड़ा होता है की,  आपके फोन में जासूसी वाले एप कैसे पहुंचते हैं और इनसे बचने के तरीके क्या-क्या हैं?

ये है बचने के तरीके

पिगासस एक स्पाईवेयर है जो चुपके से किसी भी डिवाइस की जासूसी कर सकता है। पिगासस जैसे स्पाईवेयर यूजर्स की जानकारी के बिना उनके फोन में मौजूद रहते हैं और फोन में मौजूद गोपनीय जानकारी को हैकर्स तक आसानी से पहुंचाते हैं।

हालाकि आपके फोन में स्पाईवेयर है या नहीं इसका पता लगाने बहुत ही मुश्किल काम है। व्हाट्सएप वाले मामले को ही देखें तो इसमें किसी को भनक तक नहीं थी कि उनकी जासूसी हो रही है। इसकी जानकारी उन्हें तब हुई जब व्हाट्सएप ने खुद बताया।

वैसे तो आमतौर पर किसी भी तरह की डिवाइस में स्पाईवेयर या मैलवेयर या जासूसी वाले सॉफ्टवेयर/एप को एक लिंक के जरिए इंस्टॉल किया जाता है। कई बार ये एप किसी थर्ड पार्टी एप के जरिए आते हैं। बता दें कि जब भी आप किसी एप को फोन में इंस्टॉल करते हैं तो वह यूजर्स से लाइसेंस देने के लिए एग्री बटन पर क्लिक करवाता है।एग्री पर क्लिक नहीं करने पर ये एप इंस्टॉल नहीं होते हैं।

एग्री पर क्लिक करने के साथ ही इन एप को आप कैमरा, माइक्रोफोन, मैसेज जैसे कई सारे एप्स का एक्सेस दे देते हैं। इसके बाद ही इन थर्ड पार्टी एप के जरिए आपके फोन में स्पाईवेयर पहुंचते हैं।

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