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BHU News:  जैव विविधता का अध्ययन लद्दाख में करने वाले वैज्ञानिकों में बीएचयू के वैज्ञानिक भी हैं। बीएचयू-सीएसआईआर और सीसीएमबी की संयुक्त टीम ने अगस्त में लद्दाख का दौरा कर अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों और लेह विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात किए ।

टीम में शामिल बीएचयू विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि लद्दाख भारत का सबसे ऊंचाई पर बसा हुआ क्षेत्र है और इसकी जैव विविधता अद्वितीय है। लगभग 3,00,000 लोगों की आबादी के साथ, लद्दाख में मानव के पुरातात्विक अवशेष पुरापाषाण काल से ही पाए जाते हैं। यह तीन अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों यानी दक्षिण, मध्य और पूर्वी एशियाई के ट्राइनेक्सस जंक्शन पर है। यह अभी तक अज्ञात है कि इस क्षेत्र की अनुवांशिक और पुरातात्विक विविधता स्वत: विकसित हुई।

BHU के ये प्रोफ़ेसर होंगे टीम में शामिल 

बताया कि क्षेत्र में उपस्थित अनुवांशिक बीमारियों और उनके जीन परिवर्तन पर भी अध्ययन किया जाएगा। संयुक्त टीम ने लद्दाख के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और चांगपा जनजाति की बस्तियों का जिओ-टैगिंग किया। टीम में बीएचयू से डॉ. सचिन तिवारी, डॉ. चंदना बसु, डॉ. राहुल मिश्रा, उरग्यन चोरोल, प्रज्ज्वल प्रताप सिंह, अंशिका श्रीवास्तव, रुद्र पांडे, वान्या सिंह शामिल रहे।

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