Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में दिल्ली की एक अदालत ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया है. यह कदम फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े एक गंभीर मामले में सामने आया है, जो देश की सुरक्षा और शिक्षण संस्थानों की संवेदनशीलता पर कई सवाल खड़े कर रहा है.
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े तार
मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले में चल रही जांच के सिलसिले में जावेद अहमद सिद्दीकी (Jawad Ahmed Siddiqui) को गिरफ्तार किया था. अब कोर्ट ने ED को उनसे इस मामले में आगे पूछताछ करने के लिए 13 दिनों की हिरासत दे दी है. इस मॉड्यूल के तार और इसके पीछे के लोग कौन हैं, यह जांच का विषय बना हुआ है. अधिकारियों को उम्मीद है कि सिद्दीकी से पूछताछ के बाद इस मामले में कई अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं.
क्या है अल-फलाह यूनिवर्सिटी का कनेक्शन?
जावेद अहमद सिद्दीकी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक और महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं. ऐसे में एक बड़े शैक्षिक संस्थान से जुड़े व्यक्ति का टेरर मॉड्यूल के मामले में पकड़ा जाना चौंकाने वाला है. यह जांच इस बात पर केंद्रित होगी कि क्या इस टेरर मॉड्यूल को यूनिवर्सिटी के जरिए कोई समर्थन मिला या फिर फंडिंग का कोई खेल था. शिक्षा के क्षेत्र से ऐसे गंभीर मामलों का जुड़ना समाज में चिंता का विषय बन जाता है. ED अब सिद्दीकी से गहन पूछताछ कर रही है, ताकि इस पूरे मामले की कड़ियों को जोड़ा जा सके और दोषियों तक पहुंचा जा सके.
इस घटना से यह साफ हो गया है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां ऐसे संवेदनशील मामलों को लेकर कितनी सतर्क हैं और किसी भी बड़े या प्रभावशाली व्यक्ति को बख्शा नहीं जा रहा है.
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