नई दिल्ली॥ दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य पर किसी तरह के डिस्काउंट पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। जज कामेश्वर राव ने यह कहते हुए कि छूट देने से बाजार में गड़बड़ी हुई है, 10 शराब लाइसेंसधारियों के आवेदनों को खारिज किया।
कोर्ट ने कहा कि वह सरकार की इस दलील से सहमत है कि दिल्ली आबकारी नीति में प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण की शर्त का शराब लाइसेंस धारकों द्वारा “लाभ के लिए” गलत इस्तेमाल किया जा रहा था। ज्ञात करा दें कि 28 फरवरी को, दिल्ली के आबकारी आयुक्त ने शराब के एमआरपी पर किसी भी तरह की छूट को बंद करने का आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि इस तरह की छूट से दुकानों पर भीड़ के साथ-साथ अस्वास्थ्यकर बाजार प्रथाओं को बढ़ावा मिला है।
वहीं उस फैसले का बचाव करते हुए, दिल्ली सरकार ने पहले हाई कोर्ट को बताया कि लाइसेंसधारक अपनी उत्पाद नीति में छूट के प्रावधान का दुरुपयोग कर रहे थे। शराब की एमआरपी पर 50प्रतिशत या अधिक छूट की पेशकश करना बाजार की ताकतों को विकृत करेगा, एकाधिकार पैदा करेगा और दारू को बढ़ावा देगा।
वहीं इस पर सरकार ने कहा कि शराब के खुदरा विक्रेताओं द्वारा किसी भी छूट या छूट को प्रतिबंधित करने के आदेश के पीछे शराब के अवैध व्यापार को रोकना प्राथमिक उद्देश्य था और यह अस्वास्थ्यकर प्रतिस्पर्धा और बाजार की विकृतियों को प्रोत्साहित करने के लिए छूट को एक उपकरण बनाने का इरादा नहीं था। गौरतलब है कि कोर्ट ने मुख्य याचिकाओं पर अगली सुनवाई के लिए 25 तारीख तय की है।