सोशल मीडिया एक ऐसा जरिया है जिससे साडी दुनिया एक जगह समाहित हो गई है, लेकिन अब खबर आ रही है कि यदि आप फेसबुक, व्हाट्सएप, टिकटॉक और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया सेवाओं का उपयोग करते हैं, तो आपको भारत सरकार द्वारा जारी की गई अपनी व्यक्तिगत पहचान प्रस्तुत करनी पड़ सकती है।
आपको बता दें कि NDTV के अनुसार, नकली समाचारों, दुर्भावनापूर्ण सामग्री और गलत सूचनाओं के प्रसार की जांच करने के लिए, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जल्द ही खाता पहचान-सत्यापन विकल्प विकसित करने के लिए कहा जा सकता है। वहीं आईटी मंत्री ने गलत सूचना जैसे मुद्दों की जांच करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो को दिशानिर्देशों देते हुए कहा है कि खाता धारक का सत्यापन अनिवार्य किया जा सकता है।
बता दें कि नए ड्राफ्ट पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल ने सोशल मीडिया बिचौलियों को सामाजिक खातों के स्वैच्छिक सत्यापन को सक्षम करने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए, बिल का सुझाव है कि सभी उपयोगकर्ताओं को बायोमेट्रिक या भौतिक पहचान के बाद एक दृश्य चिह्न दिया जाना चाहिए।यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के नियम लागू करने की बात की गई है।
वहीं इससे पहले, फर्जी खबरों के स्रोत का पता लगाने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से जोड़ने का प्रस्ताव था, हालांकि, UIDAI के लिए नोडल एजेंसी ने प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया कि आधार का मतलब अपराधियों को पकड़ने के लिए नहीं है, बाद में, आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया खातों को आधार से जोड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यदि इसे लागू किया जाता है, तो यह सत्यापन प्रणाली सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वर्तमान सत्यापित खातों की श्रेणी से अलग होगी।