मलेशिया और भारत के संबंध अब अच्छे होते नज़र नहीं आ रहे है, जिसके बाद से भारत के तरफ से कोई भी कूटनीति कदम उठाया जा सकता है, ऐसी आशंका लगाई जा रही है और इसके आसार भी दिखने लगे है. गौरतलब है कि कश्मीर और अब नागरिकता कानून के बाद मलेशिया के रुख ने भारत से संबंधों में खटास पैदा कर दी है।
गौरतलब है कि मलेशिया और भारत के बीच बातचीत भी पटरी पर थी, लेकिन मलेशिया ने बाद में इस मसले पर यू टर्न ले लिया। अब जाकिर नाइक को भारत वापस लाना टेढ़ी खीर माना रहा है। वहीं उत्साहजनक जवाब नहीं मिला : वहीं भारत की ओर से कूटनीतिक स्तर पर मलेशिया से अपनी चिंता को जाहिर की गई है। मलेशिया को संदेश दिया गया है कि उसका रुख दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों को प्रभावित कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि फिलहाल मलेशिया की ओर से बहुत उत्साहजनक जवाब नहीं मिला है।
सूत्रों के मुताबिक भारत जाकिरा नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर कोशिश जारी रखेगा। मलेशिया और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों और आसियान से भारत की नजदीकी को देखते हुए माना जा रहा है कि देर सबेर मलेशिया सरकार के रुख में बदलाव आएगा।
सूत्रों ने बताया कि मलेशिया सरकार को नाइक के खिलाफ सभी जरूरी सबूत दिए गए हैं। निश्चित प्रक्रिया के तहत अनुरोध किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस मामले को मलेशिया सरकार के सामने उठाया था। एक अधिकारी ने कहा कि मलेशिया का रुख फिलहाल निराश करने वाला है लेकिन कूटनीति में पूर्णविराम नहीं होता और सरकार नाइक को वापस लाने की कोशिश जारी रखेगी।