निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. आपको बता दें कि निर्भया गैंगरेप केस में दो दोषियों के क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. इसके बाद से ही तिहाड़ जेल में दोषियों को फांसी की सजा देने की तयारी शुरू हो गई है.
वहीँ आपको बता दें कि क्यूरेटिव पिटीशन में दोषी विनय शर्मा ने कहा था कि अकेले याचिकाकर्ता को दंडित नहीं किया जा रहा है, बल्कि आपराधिक कार्यवाही के कारण उसका पूरा परिवार अत्यंत पीड़ित हुआ. परिवार की कोई गलती नहीं, फिर भी उसे सामाजिक प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ा है. वहीं, वकील एपी सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता के माता-पिता वृद्ध और अत्यंत गरीब हैं. इस मामले में उनका भारी संसाधन बर्बाद हो गया और अब उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा है.
ज्ञात हो कि इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों का डेश वारंट जारी किया था. कोर्ट ने इस मामले में चार दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी देने का समय तय किया है. बीते दिनों तिहाड़ जेल में डमी ट्रायल भी हुआ. दोषियों को उत्तर प्रदेश का पवन जल्लाद फांसी के फंदे पर लटकाएगा.
16 दिसंबर, 2012 को निर्भया के साथ बेहरमी से गैंगरेप किया गया था. इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी. इसके बाद सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया था. आरोपियों में से एक नाबालिग था, जोकि एक किशोर (जुवेनाइल) अदालत के सामने पेश किया गया. वहीं एक अन्य आरोपी ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.
बाकी बचे चार दोषियों को सितंबर 2013 में एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी और मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा. इसके बाद मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा में कोई बदलाव नहीं किया और अदालत ने दोषियों की पुनर्विचार याचिकाओं को भी खारिज कर दिया.