up election live 2022: अगर यूपी में BJP ने दोबारा सरकार बनाकर नया इतिहास रचा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम चार रिकॉर्ड दर्ज हो गए। इसके साथ कई मिथक भी टूटे हैं। 18 साल में यह पहली बार है, जब किसी सीएम ने विधानसभा चुनाव लड़ा। इससे पहले 2003 में सीएम रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से चुनाव लड़ा था। इस बार सीएम योगी गोरखपुर से चुनावी मैदान में थे। BJP की जीत के बाद यह तय है कि योगी आदित्यनाथ ही फिर से सीएम बनेंगे।
देश की आजादी के बाद यूपी में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई सीएम अपने पांच साल का कार्यकाल (up election live 2022) पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता पर काबिज होगा। प्रदेश के 70 साल के इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुआ है। यह अलग बात है कि उप्र में ऐसे कई सीएम हुए, जो दोबारा सत्ता में आए, किंतु उनमें से किसी ने पहले पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया था। इनमें संपूर्णानंद, चंद्र भानू गुप्ता से लेकर हेमवती नंदन बहुगुणा तक के नाम शामिल हैं। ये सभी सीएम रहते हुए दोबारा सत्ता में काबिज हुए, किंतु किसी का पहला कार्यकाल एक साल का था तो किसी का दो या तीन साल का।
यह भी एक संयोग ही है कि मायावती से लेकर अखिलेश यादव और खुद योगी आदित्यनाथ तक विधान परिषद के जरिए सीएम की कुर्सी तक पहुंचे। मतलब इनमें से कोई भी नेता विधायक रहते हुए सीएम नहीं बना। 2003 में आखिरी बार मुलायम सिंह यादव मैनपुरी के गुन्नौर से सीएम रहते हुए चुनाव लड़े थे।
चुनाव जीतने के बाद वह विधायक बने और फिर 2007 तक सत्ता संभाली। 2007 में मायावती सीएम बनीं, किंतु बिना चुनाव लड़े। 2012 में अखिलेश यादव और 2017 में योगी आदित्यनाथ भी विधान परिषद के रास्ते ही सीएम बने। इस बार योगी आदित्यनाथ खुद चुनाव लड़ रहे हैं।
2017 में योगी आदित्यनाथ सीएम बने थे। अब वह पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। अब एक बार फिर उनके सत्ता में वापसी के आसार हैं। अगर वह सफल होते हैं तो वह न सिर्फ 1985 के बाद ऐसे पहले सीएम होंगे, जो अपनी पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता दिलाएंगे।
यूपी के इतिहास में ऐसे पहले सीएम और राजनेता होंगे, जिनके नेतृत्व में विधानसभा का निर्धारित पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद कोई दल फिर सत्ता में वापसी करेगा। यदि वह सीएम पद की शपथ लेते हैं तो लगातार पांच साल पूरा करने के बाद दूसरी बार फिर सीएम पद की शपथ लेने वाले भी पहले नेता होंगे।
उप्र में अब तक माना जाता रहा है कि नोएडा जाने वाले सीएम की कुर्सी (up election live 2022) सुरक्षित नहीं रहती है। उसकी सत्ता में वापसी नहीं होती। इस कारण कुछ सीएम तो नोएडा जाने से बचते रहे। उद्घाटन या शिलान्यास को लेकर कुछ को कार्यक्रम के सिलसिले में वहां जाने की जरूरत पड़ी तो नोएडा न जाकर अगल-बगल या दिल्ली के किसी स्थान से इस काम को पूरा किया गया। योगी ऐसे सीएम हैं, जो नोएडा जाने से डरने के बजाय वहां कई बार गए। उन्होंने नोएडा जाने के बाद भी लगातार पांच साल सीएम रहकर एक मिथक तोड़ दिया, किंतु अब देखना यह है कि वह सत्ता में वापसी का मिथक तोड़ पाते हैं या नहीं?