बुलंदशहर हिंसा में हुआ बड़ा खुलासा, पहले इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की उंगली काटी, फिर कुल्हाड़ी से सिर पर किया वार…

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उत्तर प्रदेश ।। बुलंदशहर हिंसा के 25 दिन बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की हत्या के मुख्य आरोपी प्रशांत नट को पुलिस ने गिरप्तार कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में प्रशांत ने ऐसे-ऐसे चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जो हैरान करने वाले हैं।

प्रशांत नट ने सुबोध कुमार सिंह पर गोली चलाई थी, इस बात को उसने स्वीकार कर तो लिया है, मगर अब ये भी बात सामने आई है कि सुबोध कुमार सिंह पर पहले कुल्हाड़ी से हमला किया गया और उन्हें जलाने की भी कोशिश की गई। बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को उन्हीं की लाइसेंसी रिवॉल्वर छीन कर गोली मारी गई थी।

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इतना ही नहीं, गोली मारने से पहले कलुआ नाम के एक और आरोपी ने कुल्हाड़ी से सुबोध सिंह के सिर पर वार किया था। साथ ही उसने सुबोध सिंह का अंगुठा भी काटा था।

दरअसल, 3 दिसंबर को बुंलदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की मौत को लेकर दिल दहला देनी वाली बातें सामने आई हैं। गौकशी के बाद हिंसक भीड़ को इंस्पेकटर सुबोध कुमार समझा रहे थे, तभी कलुआ नाम के एक शख़्स ने कुल्हाड़ी से इंसपेक्टर पर हमला कर दिया। पहले किए वार से इंसपेक्टर सुबोध कुमार की उंगली कट गई।

फिर भी कलुआ नहीं माना और लगातार किए गए वार से कुल्हाड़ी से सुबोध कुमार का सर भी फ़ट गया। सुबोध कुमार अपनी जान बचाने के लिए खेत की तरफ़ भागे, जहां पर 31 साल के प्रशांत नट और उसके साथियों ने सुबोध कुमार को पकड़ लिया। सुबोध कुमार ने आत्मरक्षा में गोली चलाई जिसमें सुमित नाम के एक लड़के की मौत हो गई , जिसके बाद प्रशांत नट और उसके साथियों ने सुबोध की लाइसेंसी रिवाल्वर छीन ली।

रिवाल्वर छीनने के बाद जॉनी नाम के एक शख़्स ने सुबोध कुमार को पकड़ कर घुटनों के बल बैठा दिया और प्रशांत नट ने सुबोध कुमार की ही रिवाल्वर से सुबोध कुमार को गोली मार दी। ये लोग इतने में ही नहीं रुके, सुबोध कुमार के मृत शरीर पर भी इन लोगों ने लाठियों और पत्थर से वार किया।

थोड़ी देर बाद जब बाक़ी पुलिस वाले पथराव के बीच सुबोध कुमार के शरीर को गाड़ी में डाल कर ले जाने लगे तो भीड़ ने गाड़ी पर ही पथराव कर दिया जिसके बाद पुलिस वाले सुबोध कुमार को छोड़ कर भाग गए। गाड़ी उपद्रवियों ने अपने कब्ज़े में ले ली और सुबोध कुमार को गाड़ी सहित जलाने की कोशिश भी की। लेकिन किसी तरह पुलिस वालों ने सुबोध कुमार को जलने से बचाया।

प्रशांत नट की पहचान कई वीडियो के आधार पर की गई थी, प्रशांत घटना के बाद से अपने परिवार सहित ग़ायब था। कुल्हाड़ी से वार करने वाले कलुआ की पुलिस अब भी तलाश कर रही है।

दरअसल, योगेश राज अब भी हिंसा भड़काने का मुख्य आरोपी है। 3 दिसंबर को गौकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की हत्या की गई थी। बता दें कि इससे पहले इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में पुलिस को जीतू फौजी को गिरफ्तार किया था। आरोपी नंबर-11 जीतू उर्फ फौजी घटना के दिन पुलिस चौकी के सामने सक्रिय तौर पर मौजूद था।

फोटो- फाइल

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