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Up Kiran, Digital Desk:  दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए कार बम धमाके की जांच में एक ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, यह धमाका एक बड़ी और भयानक साजिश का महज एक छोटा सा हिस्सा था. आतंकियों का असली निशाना अयोध्या का भव्य राम मंदिर और वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर था.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ में फरीदाबाद से पकड़े गए 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल ने यह चौंकाने वाली जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में धमाका करके ये आतंकी अपनी ताकत दिखाना और देश में दहशत का माहौल बनाना चाहते थे, ताकि इसके बाद वे अपने मुख्य टारगेट, यानी अयोध्या और वाराणसी में बड़े हमले कर सकें.

घबराहट में किया दिल्ली में धमाका

जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आतंकी संगठन इन दोनों ही पवित्र स्थलों पर सिलसिलेवार धमाके करने की फिराक में था. लेकिन इससे पहले कि वे अपनी योजना को अंजाम दे पाते, फरीदाबाद में उनके 'व्हाइट कॉलर' मॉड्यूल का भंडाफोड़ हो गया. अपने साथियों के पकड़े जाने से मुख्य संदिग्ध डॉक्टर उमर घबरा गया. उसे लगा कि अब वह भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. इसी घबराहट और हताशा में उसने जल्दबाजी करते हुए दिल्ली में ही कार में धमाका कर दिया.

माना जा रहा है कि अगर फरीदाबाद मॉड्यूल समय पर न पकड़ा जाता, तो देश को एक बहुत बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ सकता था.

डॉक्टरों का नकाब पहने आतंकी

यह मामला इसलिए भी ज्यादा गंभीर है क्योंकि इस मॉड्यूल में डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफेसर जैसे पढ़े-लिखे लोग शामिल थे, जो समाज में एक respectable जिंदगी जी रहे थे. इन्हीं में से एक मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर है, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है. इन पढ़े-लिखे आतंकियों ने बहुत ही चालाकी से पूरी साजिश रची थी और उनका इरादा देश के धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ना था.

इस खुलासे के बाद अयोध्या और वाराणसी समेत देश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है. NIA अब इस नेटवर्क की पूरी गहराई तक पहुंचने में जुटी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस साजिश के तार देश और विदेश में कहां-कहां तक फैले हैं.