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Up Kiran, Digital Desk: केंद्र सरकार विलासिता वाली वस्तुओं (जैसे तंबाकू, शराब, आदि) पर 40% से अधिक जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार का मानना है कि इन वस्तुओं पर कर की दर बढ़ाने से एक ओर जहाँ राजस्व में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर, इन वस्तुओं की खपत को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
वर्तमान में जीएसटी कानून में अधिकतम 28% की दर तय की गई है और इस पर 22% तक का 'उपकर' लगाया जा सकता है। अगर यह बदलाव किया जाता है, तो महंगी कारों, बड़े घरों, तंबाकू उत्पादों, पान मसाला और शराब जैसी वस्तुओं पर जीएसटी की दर और भी अधिक हो सकती है। इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जिसका उपयोग बुनियादी ढाँचे और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए किया जा सकता है।
विस्तृत जानकारी क्या है
बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र ने मंत्रियों के एक समूह के माध्यम से कुछ वस्तुओं के लिए 40% के विशेष कर स्लैब की सिफारिश की है। इस बीच पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्य कथित तौर पर इस सीमा से अधिक दरों की अनुमति देने के लिए सुधारों पर जोर दे रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि जीएसटी परिषद इस प्रस्ताव पर चर्चा कर सकती है।
कई राज्यों ने यह भी सुझाव दिया है कि 'हानिकारक उत्पादों' पर अधिक कर लगाकर स्वास्थ्य और सामाजिक जोखिमों को कम करने के लिए एक कोष बनाया जाना चाहिए। कुल मिलाकर, यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो आम उपभोक्ता के लिए विलासिता और हानिकारक वस्तुएं और महंगी हो सकती हैं, वही सरकार को राजस्व जुटाने का एक नया साधन मिल जाएगा।
3-4 सितंबर को बैठक
3 और 4 सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैब को चार से घटाकर दो स्लैब करने के प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। बैठक में जीएसटी कर दरों, क्षतिपूर्ति उपकर और स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा।
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