सीएम योगी का ये सबसे बड़ा विरोधी अब सपा में होगा शामिल! भाजपा की मुश्किलें बढ़ी

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पूर्वांचल की राजनीति में ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी की फैमिली अब बीएसपी के हाथी से उतरकर सपा की साइकिल पर सवार होने की तैयारी कर रहा है। 2022 के इलेक्शन से पहले हरिशंकर तिवारी परिवार का सपा में प्रवेश पूर्वांचल के राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है और साथ ही न केवल बसपा के लिए बल्कि भाजपा की ब्राह्मण राजनीति के लिए भी मुश्किलें बढ़ा सकता है।

Yogi-Akhilesh- Laptop

अखिलेश की पार्टी में जाने की संभावनाओं के बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे एमएलए विनय शंकर तिवारी, बड़े बेटे और पूर्व सांसद कुशल तिवारी और भतीजे गणेश शंकर पांडे को निष्कासित कर दिया गया है। हरिशंकर तिवारी परिवार का राजनीतिक आधार अब सपा बनने जा रहा है, जो पूर्वांचल क्षेत्र में बसपा के साथ-साथ भाजपा को भी राजनीतिक चुनौती दे सकता है।

सीएम योगी के हैं सबसे बड़े विरोधी

आपको बता दें कि पूर्वांचल की सियासत में ब्राह्मण बनाम ठाकुर के बीच सियासी वर्चस्व की जंग जगजाहिर है तो हरिशंकर तिवारी और मुख्यमत्री योगी के मध्य भी राजनीतिक अदावत किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में तिवारी खानदान के सपा में शामिल होने से अखिलेश यादव को पूर्वांचल में बड़ा ब्राह्मण चेहरा मिल सकता है, जिसे मुख्यमंत्री योगी के धुर विरोधी नेता के तौर पर जाना जाता है।

उल्लेखनीय है कि यूपी के इलेक्शन में विपक्षी दल योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी के तौर पर स्थापित करने में जुटा है। ब्राह्म्ण बनाम ठाकुर की सियासत के मध्य हरिशंकर तिवारी परिवार का सपा में जाने से पूर्वांचल के समीकरण बदल सकते हैं। ये क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है और हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल में ब्राह्मणों के बड़े चेहरे हैं।

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