img

Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होते ही जैसे ही एग्जिट पोल के नतीजे आए, राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है. ज्यादातर सर्वे एनडीए की प्रचंड जीत का दावा कर रहे हैं, जिससे बीजेपी-जेडीयू खेमे में खुशी की लहर है. वहीं दूसरी ओर, आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने इन नतीजों को पूरी तरह से नकारते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं.

मंगलवार शाम को आए लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने एनडीए को 243 सीटों वाली विधानसभा में 130 से लेकर 160 से भी ज्यादा सीटें दी हैं, जो बहुमत के आंकड़े 122 से काफी आगे है.

NDA ने बताया जनता का आशीर्वाद

एग्जिट पोल के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद जैसे एनडीए के वरिष्ठ नेताओं ने इसे जनता का आशीर्वाद बताया. उन्होंने कहा कि ये नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों पर जनता के भरोसे की मुहर हैं. एनडीए नेताओं का मानना है कि बिहार की जनता ने एक बार फिर सुशासन और विकास के लिए वोट दिया 

महागठबंधन ने उठाए सवाल, बताया 'मनोवैज्ञानिक खेल'

एनडीए के जश्न के ठीक उलट, महागठबंधन खेमे ने इन एग्जिट पोल्स की विश्वसनीयता पर ही गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने इन आंकड़ों को "पीएमओ का पोल" बताते हुए खारिज कर दिया.

वहीं, आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, "एग्जिट पोल कोई एग्जैक्ट पोल (सटीक पोल) नहीं होता. यह सिर्फ एक अनुमान है. हमें 14 नवंबर का इंतजार करना चाहिए, जब असली नतीजे आएंगे." उन्होंने कहा कि यह सब एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का खेल है ताकि 14 नवंबर को वोटों की गिनती के दौरान माहौल को प्रभावित किया जा सके. महागठबंधन के नेताओं ने दावा किया है कि नतीजे इसके बिल्कुल उलट होंगे और वे ही सरकार बनाएंगे.

अब 14 नवंबर का इंतजार

एक तरफ जहां एग्जिट पोल एनडीए को एकतरफा जीत दिला रहे हैं, वहीं महागठबंधन अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है. अब यह तो 14 नवंबर को ही साफ होगा कि क्या एग्जिट पोल के अनुमान सच साबित होते हैं या फिर तेजस्वी यादव के दावे में दम निकलता है. फिलहाल, बिहार का सियासी पारा नतीजों के दिन तक चढ़ा ही रहेगा.