दिल्ली में हिंसक घटनाओं के बीच बिहार में हो गया अब तक का सबसे बड़ा ऐलान!

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पटना॥ विधानसभा इलेक्शन से पहले बिहार में बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। इन्हीं फैसलों में से एक बड़ा फैसला बृहस्पतिवार को बिहार विधानसभा में लिया गया। प्रदेश में वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना से पहले एक बड़ा कदम उठाया गया है।

राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पास करते हुए सरकार ने 2021 में जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला किया है। आपको बता दें कि पूर्व में तमाम विपक्षी दल इस तरह की मांग उठाते रहे हैं। इसके साथ ही सत्तारुढ़ JDU भी प्रदेश में जातीगत आधार पर जनगणना कराने के पक्ष में रही है।

बिहार में इसी वर्ष विधानसभा इलेक्शन होने हैं। लिहाजा विधानसभा सत्र में कई महत्वपूर्ण फैसलों का दौर चल रहा है। इन्हीं फैसलों के बीच एक बड़ा प्रस्ताव प्रदेश की JDU सरकार ने लिया। 2021 में होने वाली जनगणना अब जातीय आधार पर की जाएगी।

प्रदेश में जातीय आधार पर जनगणना को मुद्दा सबसे पहले वर्ष 2015 के विधानसभा इलेक्शन के दौरान JDU ने ही उठाया था। इसके बाद सीएम नीतीश के सत्ता में आने पर राष्ट्रीय जनता दल और कुछ अन्य पार्टियों ने इसकी वकालत की थी।

एक नजर तथ्यों पर

  • 1931 के बाद नहीं हुई जातीय आधार पर जनगणना
  • बिहार के साथ यूपी में भी लंबे समय से उठ रही मांग
  • यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने की थी वकालत
  • अखिलेश ने कहा था कि जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व देना चाहिए

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ऐसे में 2021 की जनगणना से पहले नीतीश सरकार के इस प्रस्ताव को एक बड़े फैसले के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकार नीतीश कुमार के इस निर्णय को इस साल होने वाले विधानसभा इलेक्शन से पहले वोटरों को लुभाने के एक हथकन्डे के रूप में देखते रहे हैं।

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