pics: सिल्क स्मिता की खुबसूरती और नशीली आंखो का चला ऐसा जादू, जानकर देकर चुकानी पड़ी कीमत !

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मनोरंजन डेस्क. फिल्म इंडस्ट्री की Silk Smitha को सिल्क बनने की कीमत 35 साल की उम्र में जान देकर ही चुकानी पड़ी। यह वही स्मिता थीं, जिनकी खूबसूरती और नशीली आंखों के लोग दीवाने थे। परदे पर उन्हें देखने के लिए लोग टिकट खिड़की पर उमड़ पड़ते थे। आज Silk Smitha की बर्थ एनिवर्सरी है।

फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ के जरिए विद्या बालन ने Silk Smitha के किरदार को परदे जीवंत किया। फिल्म में विद्या बालन कहती हैं कि फिल्में सिर्फ तीन वजहों से चलती हैं, ‘एंटरटेनमेंट एंटरटेनमेंट एंटरटेनमेंट और मैं एंटरटेनमेंट हूं’। सिल्क ‘एंटरटेनमेंट’ तो बन गईं, लेकिन वह उस आकाश में पहुंच गईं कि जहां से जमीन पर पहुंचने का दर्द वह बर्दाश्त नहीं कर पाईं। उनको प्यार करने वाली इंडस्ट्री इतनी कठोर हो जाएगी, ये सिल्क ने नहीं सोचा था। सिल्क का दर्द इस फिल्म में दिखाए विद्या के दर्द के कहीं ज्यादा था। सिल्क के पास कोई ऐसा नहीं था, जो उन्हें संभाल सके और जीवन की हकीकत से रू-ब-रू करवा सके। सिल्क चकाचौंध के एक ऐसे नशे में गुम हो गई थीं कि उन्हें यह अहसास ही नहीं था कि ये सब स्थायी नहीं है।

अपनी शर्तों पर जीती थीं जिंदगी

सिल्क के साथ काम करने वाले कहते हैं कि वह अपनी शर्तों में पर जिंदगी जीने वाली थीं। वह अक्सर यही कहती थीं कि कुछ लोगों का नाम काम करके होता है और मेरा बदनाम होकर। उनके करीबी ये जानते हैं कि सिल्क वही करती थीं, जो उनका मन कहता था।

आंध्र प्रदेश के एक गरीब परिवार में 2 दिसंबर को जन्मी विजयलक्ष्मी ने ये सोचा भी न था कि वह एक दिन साउथ फिल्म इंडस्ट्री की सिल्क बन जाएंगी। विजयलक्ष्मी से स्मिता और फिर Silk Smitha बनने का सफर आसान नहीं रहा और मौत भी ऐसी हुई कि आज तक रहस्य बनी हुई है। गरीबी के कारण चौथी क्लास में पढ़ाई छोड़ देने वाली विजयलक्ष्मी (स्मिता) की शादी जल्दी ही कर दी गई थी, लेकिन ससुराल वालों से परेशान होकर उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और चेन्नई पहुंच गईं। यहां वह अपनी एक रिश्तेदार के साथ रहने लगीं। अपना खर्च चलाने के लिए वह एक अदाकारा के घर में घरेलू सहायिका का काम करने लगीं, लेकिन कुछ समय बाद ही वह उस अदाकारा की मेकअप आर्टिस्ट बन गईं।

स्मिता की सुंदरता और नशीली आंखों के जादू से कौन बच सकता था। उन पर डायरेक्टरों की जैसे ही नजर पड़ी तो उन्हें छोटे-मोटे रोल मिलने लगे, लेकिन सही रूप में पहचान उन्हें ‘वंडी चक्रम’ से मिली, जो उनकी पहली तमिल फिल्म थी। यह फिल्म हिट रही और इस फिल्म में उनका निभाया ‘सिल्क’ का किरदार उनके नाम के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया और वह Silk Smitha बन गईं। धीरे-धीरे Silk Smitha फिल्मों में अपनी खास जगह बनाने लगीं। उनके कैबरे या क्लब डांस खासतौर पर फिल्मों में रखे जाने लगे। 17 साल के लंबे करियर में उन्होंने तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ और हिन्दी की 450 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। यही नहीं कितनी ही डिब्बा बंद फिल्मों को सिल्क का फुटेज लगाकर बेच दिया गया।

यह वह दौर था जब स्लिक स्मिता के जलवे से लोग ऊबने लगे थे। उनकी जगह शकीला ने ले ली थी। अब न तो सिल्क के पास काम बचा था, न पैसा, ऊपर से कर्ज। अब सही मायने में सिल्क को एक सहारे की जरूरत थी, लेकिन अकेलेपन और निराशा ने उनकी जान ले ली। वह अपने चेन्नई स्थित आवास में मृत मिलीं। किसी ने उनकी मौत को हत्या बताया तो किसी ने आत्महत्या, लेकिन इंडस्ट्री का एक चमचमाता सितारा हमेशा के लिए दूर चला गया था।

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