जन्मदिन विशेष: सिनेमा दर्शक आज भी राजकुमार की स्टाइल और डायलॉग नहीं भूले

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के बने होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते, आपके पैर बहुत खूबसूरत हैं। इन्हें जमीन पर मत रखिए, मैले हो जाएंगे, हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे, लेकिन वह वक्त भी हमारा होगा, बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी होगी।

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यह कुछ ऐसे हिंदी सिनेमा के संवाद हैं, जिन्हें दर्शक आज भी नहीं भूले हैं। बात आज साठ के दशक के हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार राजकुमार की होगी।

सिर चढ़कर बोलती थी दीवानगी 

जब-जब राजकुमार फिल्मी पर्दे पर आते थे उनके दीवाने उनके स्टाइल और उनके संवाद में ही खो जाया करते थे। सिनेमा खत्म हो जाता था लेकिन उनकी दीवानगी बाहर भी सिर चढ़कर बोलती थी। आज राजकुमार के जन्मदिन के मौके पर उनकी निजी और फिल्मी पारी के बारे में चर्चा करेंगे । राजकुमार ‘जानी’ के नाम से भी विख्यात थे। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 8 अक्टूबर 1926 को राजकुमार का जन्म हुआ था।

देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आकर बस गए थे। मूल रूप से इनका नाम कुलभूषण पंडित था। मुंबई पुलिस में उनकी कद-काठी और स्नातक की डिग्री देख कर उन्हें सब सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिल गई। वह मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर के रूप में काम करने लगे।

वर्ष 1952 में राजकुमार ने फिल्म ‘रंगीली’ से शुरू किया करियर–

वर्ष 1952 में सब इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़कर राजकुमार ने बॉलीवुड में प्रवेश किया । उनकी पहली फिल्म रंगीली थी। उसके बाद ‘आबशार’, ‘घमंड’ और ‘लाखों में एक’ नामक फिल्में की, लेकिन राजकुमार साल 1957 में आई फिल्म मदर इंडिया से प्रसिद्ध हुए। इसमें उन्होंने अभिनेत्री नरगिस के पति शामू का किरदार निभाया था। इसके बाद राजकुमार का हिंदी सिनेमा में ग्राफ बढ़ता चला गया। वर्ष 1967 में हमराज और 1968 में नीलकमल की अपार सफलता ने उन्हें बॉलीवुड में दमदार अभिनेताओं की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया । राजकुमार और दिलीप कुमार की जोड़ी को दर्शकों नेेेे खूब सराहा। राजकुमार की मशहूर फिल्मों में ‘पाकीजा’, ‘वक्त’, ‘सौदागर’ जैसी फिल्में हैं।

लगभग तीन दशकों के बाद राजकुमार ने दिलीप कुमार के साथ ‘सौदागर’ फिल्म की थी लेकिन दोनों के बीच शूटिंग के दौरान ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। वर्ष 1960 में आई फिल्म पैगाम के दौरान दोनों में इतने मनमुटाव बढ़ गए थे कि एक दूसरे के साथ फिल्म में काम न करने की कसम खा ली थी। 90 के दशक में तिरंगा, जंगबाज समेत कई फिल्म में राजकुमार दिखाई दिए। लगभग 70 फिल्मों में राजकुमार ने अभिनय किया।

राजकुमार ने जेनिफर से किया था विवाह–

राजकुमार की मुलाकात जेनिफर से हुई जो एक एयर होस्टेज थी, बाद में दोनों ने शादी कर ली और जेनिफर ने अपना नाम बदलकर गायत्री रख लिया था। दोनों को 3 बच्चे हुए, जिनमें 2 बेटे पुरू राजकुमार, पाणिनी राजकुमार और एक बेटी वास्तविकता है। फिल्मों में आने से पहले राजकुमार को फिल्में देखने का कभी भी शौक नहीं था।

एक्टर बनने के बाद भी राजकुमार को फिल्में देखने की लालसा नहीं हुई । राजकुमार का जानी पसंदीदा शब्द था। उनके कुत्ते का नाम जानी था, जिससे वो बहुत प्यार करते थे। फिल्मी पर्दे पर भी अक्सर वो इस शब्द का इस्तेमाल करते थे। राजकुमार ने कई फिल्मों में दमदार किरदार निभाए। वे अपनी निजी जिंदगी भी राजकुमारों की तरह जीते थे।

3 जुलाई 1996 को राजकुमार गले की कैंसर की वजह से दुनिया को छोड़ कर चले गए। राजकुमार की एक्टिंग स्टाइल, उनके सफेद जूते और उनके डायलॉग आज भी सिनेमा प्रशंसक नहीं भुला सके हैं।

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