जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख़ नजदीक आती जा रही है, राजनितिक दलों में छटपटाहट बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Akhilesh Yadav) की जनसभाओं में उमड़े जन-सैलाब को देखते हुए सत्ताधारी पार्टी भाजपा जबरदस्त बौखलाहट देखि जा रही है। वार-पलटवार का दौर शुरू हो चुका है। गठबंधनों को लेकर भी तरह-तरह की खबरें आ रही हैं जिसने सत्तासीन भाजपा को चिंता में डाल दिया है।
अबतक तक सबसे ज्यादा राजनितिक दलों का गठबंधन सपा के साथ हो चुका है। जहाँ एक तरफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपना दल (कृष्णा गुट) के साथ गठबंधन किया है, वहीँ अब अनुप्रिया पटेल वाले अपना दल के साथ भी गठबंधन की चर्चा को लेकर सियासी माहौल गरम है। अखिलेश यादव ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि “पहले वह केंद्रीय मंत्री पद छोड़ें तब देखेंगे”।
अनुप्रिया पटेल हाल फिलहाल केंद्र की मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। उन्हें 2014 में सांसद बनने के बाद केंद्र में मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2017 में अनुप्रिया पटेल ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर विधान-सभा का चुनाव लड़ा था। वर्ष 2019 में भी वह बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव में उतरीं और मिर्जापुर से सांसदी का चुनाव जीत गयी। लेकिन मंत्री नहीं बनायी गयी। हालाँकि चुनाव को देखते हुए कुछ समय पहले ही अनुप्रिया पटेल को केंद्र में दोबारा मंत्री बनाया गया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “महिलाओं के मान और सम्मान के लिए सपा सरकार ने काफी काम किया। हमने 500 रुपए वृद्धावस्था पेंशन दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी तो सिर्फ फीता काटना जानती है। साल 22 आने वाला है और बीजेपी किसान की आय दोगुनी करने का वायदा पूरा नहीं कर पाई।”
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि सपा सरकार बनने पर महिला पेंशन की धनराशि दुगनी या तिगुनी बढ़ोतरी की जायेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनाव देखते हुए मार्च तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की है, लेकिन अगर समाजवादी (Samajwadi Party) सरकार आई तो हम गरीबों को समाजवादी फूड पैकेट देने की योजना लागू करेंगे। जनता ने अब मन बना लिया है, उन्हें अब योगी सरकार नहीं योग्य सरकार चाहिए।
बीजेपी के ‘फर्क साफ है’ अभियान पर निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में युवाओं को लैपटॉप दिए गए और बीजेपी ने उन पर लाठी-चार्ज किया। सपा (Akhilesh Yadav) सरकार में गरीबों को लोहिया आवास मिला और बीजेपी ने तो लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल डाला गया। जहाँ सपा ने महिलाओं को उनका हक़ और सम्मान दिया वहीँ बीजेपी ने चुनाव के दौरान उनकी साड़ी खींचने का काम किया है। फर्क साफ है।
बीजेपी चुनाव जीतने के लिए अब जनता रैली की जगह सरकारी रैलियां कर रही है। भीड़ जुटाने के लिये सरकारी बसों का इस्तेमाल इनमें किया जा रहा है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि बीजेपी सरकार के हर कारनामे को जनता बखूबी समझ चुकी है। प्रदेश की जनता अब उसके झांसे में नहीं आयेगी।
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