नई दिल्ली॥ झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि सत्ता में रहते हुए केन्द्र की भाजपा सरकार हो या राज्य की पूर्ववत्ती भाजपा सरकार हो, लगातार आदिवासियों एवं दलितों के खिलाफ साजिशें रचते रहे हैं। आज जब जनजाति समाज के द्वारा उन्होंने पूरी तरह से नकार दिये जाने के बाद इनका समाज के प्रति प्रेम जागृत हो रहा है, जो हास्यास्पद है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को कहा कि झारखंड गठन काल से लेकर अब तक राज्य में सत्तासीन रही भाजपा सरकारें लगातार आदिवासियों के संरक्षण एवं संर्वद्धन के लिए बने हुए कानूनों के साथ छेड़छाड़ करती रहीं। आदिवासियों के सम्मान और अस्तित्व के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया।
यही कारण है कि विगत विधानसभा चुनाव में इन्हें पूरी तरह से नकार दिया गया। उन्होंने भाजपा के स्वघोषित घटनोत्तर स्वीकृति प्राप्त नेता, विधायक दल बाबूलाल मरांडी को आडे़ हाथों लेते हुए कहा कि इनका राज्य के जनजाति समाज को गुमराह करने वाला चरित्र सभी जानते हैं।
पूरे पांच वर्षों तक चोला बदलकर इन्होंने किस प्रकार से तत्कालीन भाजपा सरकार के द्वारा आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार के विरूद्ध होने वाले सभी आंदोलनों को कमजोर करने का प्रयास किया, वो राज्य की जनता अभी तक भूली नहीं है। अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में किस प्रकार से तपकारा गोलीकांड में दो फरवरी 2001 को हजारो आदिवासी भाईयों के उपर किस प्रकार के बर्बातापूर्ण तरीके से लाठियां चलवाई और पुलिस द्वारा गोलियां चलवाई थीं।
उसकी टीस आज तक लोगों के दिलों में है और अब ये पुनः चोला बदलकर आंदोलन की बात कर रहे हैं जो हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस बात का जवाब देना चाहिए कि मोदी सरकार ने दलितों और आदिवासियों के लिए जो सब-प्लान के प्रावधान थे जो यादव कमिटी के रिपोर्ट के आधार पर बनाये गये थे उसको क्यों खारिज किया।
जिस मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में हीं बजटीय प्रावधान में तीन प्रतिशत से भी कम (2.87) राशि आंवटन कर अपना इरादा स्पष्ट कर दिया हो वो आदिवासियों की आत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि पूर्ववत्ती भाजपा सरकार के द्वारा खूंटी, बड़कागांव, रामगढ़ और गोड्डा में अपने अस्तित्व की लडाई लड़ रहे आदिवासियों पर किस प्रकार गोलियां चलाई गई, यह भी लोगों ने भूलाया नहीं है।