
सरकार को जनता के दरवाजे पहुंचाने का संकल्प भी काफी हद तक साकार हुआ। हालांकि चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं लेकिन कार्यकर्ताओं के परिश्रम और जनता के समर्थन से इनसे पार पा लेंगे।
लोकसभा चुनाव में गठबंधन के कारण बनने वाले समीकरणों से निपटने के सवाल पर बोले, गठबंधन भाजपा का रास्ता रोक नहीं पाएगा। चुनाव आते-आते इसमें शामिल दलों के नेताओं के दिल की गांठें गठबंधन को बिखरा देंगी। शिवपाल का सेकुलर मोर्चा इसका उदाहरण है। पांडेय शुक्रवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे।
सपा मुखिया अखिलेश यादव के इस आरोप पर कि मोर्चा बनवाने में भाजपा का हाथ है, डॉ. पांडेय ने कहा कि चाचा-भतीजे के झगड़े से हमारा कोई लेना-देना नहीं। शिवपाल जमीनी नेता हैं। उन्होंने सपा को खड़ी करने में मुलायम सिंह यादव के साथ काफी मेहनत की है। अखिलेश को तो मुलायम के पुत्र होने के नाते विरासत में सब कुछ मिला। शिवपाल के भाजपा से मिलने के सवाल पर कहा, एनडीए अपने आप में मोर्चा है। नए मोर्चे की जरूरत नहीं है।
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