मोदी सरकार संसद के होने वाले शीतकालीन सत्र में 26 बिल लाने की योजना बना रही है।कल से शुरू हो रहे इस सत्र के दौरान सरकार ने यूपी इलेक्शन-2022 से पहले तीन कृषि कानूनों को कैंसिल करने, भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति संशोधन बिल सहित 26 महत्वपूर्ण विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। इस लिहाज से शीतकालीन सत्र बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बता दें कि ये संसद सत्र 23 दिसम्बर तक चलेगा।
योगी सरकार एससी/एसटी सूची में संशोधन को कई समुदायों की लंबे समय से चली आ रही मांग से जोड़ रही है। जबकि सोनभद्र और उसके आसपास के जिलों में एक उच्च आदिवासी आबादी है, उत्तर प्रदेश में चुनावी रूप से प्रभावशाली मछुआरा समुदाय लंबे समय से एसटी सूची में शामिल होने की मांग कर रहा है। अब अगर इन समुदायों को चुनाव से ठीक पहले एससी/एसटी सूची में जगह मिलती है तो इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है।
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा इलेक्शन को देखते हुए एससी/एसटी की सूची में बदलाव बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संयोग से 2014 और 2019 के लोकसभा और 2017 के इलेक्शनों में भारतीय जनता पार्टी का चुनावी मंत्र गैर-यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वोटों को मजबूत करने का रहा है, यानी भाजपा की नजर पिछड़ी जातियों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने पर रही है, जो पहले बसपा का प्रमुख वोट बैंक हुआ करता था।