अद्भुत है बीजेपी की महिमा, पांच साल में असम को बाढ़-मुक्त करने का वादा!

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Political desk

देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा जोर असम और पश्चिम बंगाल में लगा रही है। असम में वह किसी भी सूरत में अपनी सत्ता को बरकरार रखना चाहती है। इसके लिए बीजेपी ने असम के लिए दस संकल्प घोषित किये हैं। इन संकल्पों में जनता से बड़े-बड़े वायदे किये गए हैं। इसमें से पहला वादा निभाना असंभव है। पहले संकल्प में कहा गया है कि यदि राज्य में बीजेपी की सत्ता क़ायम रही तो अगले पांच साल में असम को बाढ़-मुक्त बना दिया जाएगा।

उल्लेखनीय हसि कि असम में हर साल ब्रह्मपुत्र से भारी तबाही होती है। ऐसा इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण होता है। दर-असल तिब्बत के दक्षिणी छोर से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी का बेसिन या वर्षा जल ग्रहण क्षेत्र 6,51,334 वर्ग किलोमीटर में फैला है। बह्मपुत्र अपने उद्गम से लेकर बंगाल की खाड़ी तक पहुँचने में लम्बा सफ़र तय करती है। चीन और भूटान समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्यों – अरुणाचल, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड और सिक्किम में बहने वाली दर्ज़नों बड़ी और छोटी सहायक नदियों का बेशुमार पानी बहता है।

चूंकि असम की ज़मीन में ढाल बेहद कम है, इसीलिए बाढ़ के दिनों में ब्रह्मपुत्र का पानी तकरीबन पूरे राज्य में फ़ैल जाता है। बरसात में ब्रह्मपुत्र अपार मिट्टी-गाद के साथ असम में प्रवेश करती है और वहां जमीन को उपजाऊ बनाती है। यह वैज्ञानिक सत्य है कि असम की भौगोलिक स्थिति को बदले बिना असम को बाढ़ से निजात नहीं दिलाई जा सकती और भौगोलिक स्थिति में परिवर्तन करना मुआशी के लिए सभव नहीं है। असम की जनता प्रकृति के अधिक नजदीक है। इसलिए शायद ही वह बीजेपी के झांसों में आकर देखते हुए भी मक्खी निगले।

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फिलहाल असम समेत देश की जनता जानती ही है कि गंगा साफ़ हो चुकी है, किसानों की आमदनी भी 2022 में रातों-रात दोगुनी हो ही जाएगी, सालाना दो करोड़ रोज़गार का सपना भी साकार हो चूका है। इसी तरह सबके खाते में 15-15 लाख रुपये भी आये, डीजल और पेट्रोल भी सस्ता होने का रिकॉर्ड लगातार तोड़ ही रहा है, कालाधन विदेश से आकर विकास में विलीन हो गया, भ्रष्टाचार अब सिर्फ़ राजनीतिक विरोधियों तक ही सीमित है। देश की सरहदें भी सुरक्षित हैं। आतंकवाद और नक्सलवाद कब का काफूर हो चुका है। ग़रीबी और बेकारी अब इतिहास की बातें हो चुकी है।

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इस तरह साफ़ दिख रहा है कि सारे अहम काम तो हो ही चुके हैं, इसलिए अब पांच साल में असम को बाढ़-मुक्त करना कौन सी बड़ी बात है! आरएसएस को लगता है कि यदि तमाम झाँसे देश में हिट हो सकते हैं तो पाँच साल में बाढ़-मुक्त असम को तो हिट होना ही है।

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