कम नहीं हो रही भाजपा की मुश्किलें, अब पार्टी विधायक ने कहा- मैं कमलनाथ के साथ हूं

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भोपाल॥ प्रदेश में हाल में संपन्न हुए झाबुआ उपचुनाव में भाजपा को हार का मुंह देखना पडा, वहीं पवई विधायक की सदस्यता समाप्त होने से भाजपा का एक और विधायक कम हो गया। अब ताजा झटका कांग्रेस छोडकर भाजपा में आए ब्यौहारी विधायक शरद कोल ने भाजपा को दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैं कमलनाथ सरकार से संतुष्ट हूं और साहब (मुख्यमंत्री कमलनाथ) के ही साथ हूं।

विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए विधायक शरद कोल ने यह भी कहा कि मैंने भाजपा नहीं छोड़ी है, मेरी प्राथमिक सदस्यता भाजपा की है और न ही अभी तक पार्टी ने मेरी सदस्यता समाप्त की है। इसलिए मेरी गिनती भाजपा की सदस्यता वाले विधायकों में होगी। मैंने क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस की प्रदेश सरकार को समर्थन दिया था।

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प्रदेश सरकार भी ब्यौहारी क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव मदद कर रही है। इसलिए मुझे कोई मलाल नहीं। इस बीच भाजपा संगठन ने विधायक शरद कोल से पूरी तरह दूरी बना ली है। इस बात को विधायक शरद भी स्वीकार रहे हैं। विधायक का कहना है कि स्थानीय भाजपा संगठन ने मुझसे दूरी बनाई है लेकिन प्रदेश स्तर का संगठन मेरे संपर्क में रहता है। कभी बैठकों के लिए फोन आ जाता है, लेकिन पिछले तीन-चार महीनों में मैं भाजपा के किसी संगठनात्मक बैठक का हिस्सा नहीं बना यह बात सही है।

भाजपा विधायक कोल ने कहा कि मैं किस पार्टी में हूं किसमें नहीं, इस बात का भी खुलासा जल्द ही होगा। आगामी दिसंबर माह में होने वाले विधानसभा सत्र का मुझे भी बेसब्री से इंतजार है। इस सत्र में कई चौकाने वाली बातें सामने आएंगी। विधायक शरद के इस बयान के बाद प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है।

विधायक का कहना है कि इस समय मैं खुद को इंडीपेंडेंट विधायक समझता हूं। पूरा समय क्षेत्र की जनता के साथ मिलकर विकास के लिए लगा रहा हूं। विधायक कोल ने कहा कि मैं कांग्रेस में सिर्फ शिवराज जी को जानता था, उन्हीं के भरोसे कांग्रेस से भाजपा में आया था। लगभग 3 माह से मेरी उनकी कोई बात नहीं हुई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से भी मेरी कोई बात महीनों से नहीं हुई। मुख्यमंत्री कमलनाथ से क्षेत्र के विकास को लेकर संपर्क में हूं। अभी लगभग एक महीने पहले ही विकास कार्य को लेकर मेरी उनकी मुलाकात हुई थी।

विधायक शरद ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा से मेरा अभी दिल टूटा है रिश्ता नहीं, इस कारण क्षेत्रीय विधायक और सांसद से बात होते रहती है। कांग्रेस को समर्थन देने के बाद भाजपा संगठन ने पूरी तरह विधायक शरद कोल को नकार दिया है। विधायक को भाजपा की किसी बैठक में नहीं बुलाया जाता और न ही किसी कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जाता। उधर, दूसरी ओर कांग्रेस की सदस्यता नहीं होने के कारण विधायक कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में भी नहीं जाते।

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