त्योहार के बीच बढ़ा मिठाई का काला कारोबार, यूरिया और वाशिंग पावडर से बन रहा दूध

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नई दिल्ली॥ त्योहारों के साथ ही घर-घर मिठाई की मांग को लेकर बाजारों में रंगीन और खूबसूरत दिखने वाली मिठाईयां सज गयी हैं। लेकिन इसी बीच नकली और सिन्थेटिक मिठाईयों के कारोबारी भी अपने काले कारोबार को बढ़ाने में जुट गए है।

इसी क्रम में मुजफ्फरपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई के दौरान खाद्य विभाग ने भारी मात्रा में खोया, पनीर और मिठाईयां नष्ट भी की गई हैं। दरअसल, विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि करीब आठ टन नकली खोया दूसरे राज्य से इस इलाके में आ चुका है, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई।

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मुजफ्फरपुर के चंद्रलोक चौक, जवाहर लाल रोड, अखाराघाट, चंदवारा इलाकों की तंग गलियों में इस बाहरी मिलावटी खोया का कारोबार चल रहा था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने इसी सूचना के आधार पर दुकानों में अभियान चलाया। यही नहीं इस दौरान कई नामचीन दुकानों में भी खराब मिठाईयां पकड़ी गई, जिन्हें छापामार दस्ते नें नष्ट कराया।

खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी सुदामा चौधरी ने बताया कि यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और उन्होंने कहा कि लुभाने वाली यह सुंदर मिठाईयां खतरनाक भी हो सकती है, इसलिए मिठाई की खरीददारी काफी सोच समझकर ही करें। इस क्रम में छापामार दल द्वारा फिलहाल बड़ी संख्या में दुकानों से नमूना इकट्ठा किया है और जांच के लिए इन नमूनों को पटना लैब में भेला जा रहा हैं।

इस संबंध में विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। एक्सपर्ट के अनुसार बाजार में मांग बढ़ने पर कारोबारी दूध में डालडा, आरारोट, अलुआ सुथनी के साथ ही यूरिया, वाशिंग पा‌वडर और एसेंस मिलाकर नकली जहरीला पदार्थ तैयार करते हैं, जिसे खोया और मावा की शक्ल में बाजार में उतार दिया जाता है। इनसे बनी मिठाईयां जानलेवा होती हैं, जिन्हें खाने से किडनी लीवर की बीमारी के साथ- साथ कैंसर का भी खतरा है।

बता दें कि इन दिनों स्थानीय कारोबारी खराब बेसन और साधारण रंग का भी उपयोग कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए घातक है। ऐसे मामले पकड़े जाने पर पांच लाख जुर्माना से जेल तक की सजा का प्रावधान है।

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