Bollywood News: कभी बॉलीवुड की लोकप्रिय अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गई हैं। उन्होंने अपने विवादास्पद अतीत से उभरकर आध्यात्मिक जीवन अपना लिया है।
कई लोग पूछ रहे हैं कि ममता कुलकर्णी अचानक महामंडलेश्वर कैसे बन गईं, क्योंकि महामंडलेश्वर बनने के लिए पहले दीक्षा लेनी होती है और लंबी तपस्या करनी होती है। मनुष्य को सांसारिक जीवन का त्याग करना होगा। अखाड़ों का नियम है कि जो भी महामंडलेश्वर बनता है, उसे संन्यासी होना चाहिए।
लोग यह भी कह रहे हैं कि महामंडलेश्वर बनने के लिए सांसारिक मोह-माया से त्याग की भावना होनी चाहिए। व्यक्ति को पारिवारिक बंधनों से दूर रहना चाहिए तथा वेद-पुराणों का ज्ञान रखना चाहिए। ममता कुलकर्णी के जीवन पर नजर डालें तो उनका जीवन काफी विवादित रहा है।
आरोप है कि 2013 में ममता कुलकर्णी ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी और दुबई में ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से शादी कर ली। यह वही ड्रग माफिया है जिसे दुबई में ड्रग तस्करी के लिए 12 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि ममता कुलकर्णी इन आरोपों से इनकार करती हैं, मगर सच्चाई यह है कि 2016 में मुंबई पुलिस ने ड्रग तस्करी के एक मामले में उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
मुंबई पुलिस ने कहा था कि उन्होंने मुंबई से 80 लाख रुपये की ड्रग्स जब्त की थी, जो ममता कुलकर्णी की कंपनी से जुड़ी थी। ममता कुलकर्णी खुद कहती हैं कि वह ड्रग माफिया विक्की गोस्वामी से प्यार करती थीं और इस दौरान वह 2000 से 2024 तक भारत से दूर रहीं।
ममता कुलकर्णी ने जब फिल्म इंडस्ट्री नहीं छोड़ी थी तब उन पर अंडरवर्ल्ड से संबंध होने का आरोप लगाया गया था। एक फिल्म के लिए उन्होंने एक अंडरवर्ल्ड अपराधी से निर्देशक को फोन करने को कहा था।
1993 में ममता कुलकर्णी ने एक मैगजीन के लिए टॉपलेस फोटोशूट कराया था, जिससे पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। इसलिए लोग इस बात से हैरान हैं कि ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बन गई हैं।
किन्नर अखाड़ा सनातन धर्म के 13 प्रमुख अखाड़ों से अलग है। यह एक ऐसा अखाड़ा है जिसमें संन्यासी बनने के बाद भी भौतिक जीवन जीया जा सकता है और जिसमें महामंडलेश्वर बनने के लिए सांसारिक और पारिवारिक बंधनों को खत्म करने की जरूरत नहीं होती और यही वजह है कि ममता कुलकर्णी ने इस अखाड़े को चुना। अब वह इस भौतिक जीवन को जीते हुए संन्यासी बनी रह सकती है। इसमें उसे तपस्वी जीवन नहीं जीना पड़ेगा।