‘भारत में जन्मे, भारत में मरेंगे’, देश के इस राज्य में नागरिकता कानून के विरोध में उमड़ा जनसैलाब

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नई दिल्ली॥ केरल के कोच्चि में नए साल के पहले दिन, बुधवार 1 जनवरी को हजारों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरूद्ध प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतरे। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने मोदी सरकार से इस विवादित कानून को वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में तिरंगा और तख्तियां ले रखी थीं। तख्तियों पर लिखा था कि हिंदुस्तान में पैदा हुए, हिंदुस्तान में रहेंगे, हिंदुस्तान में मरेंगे।’’ प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी, बी आर आंबेडकर और मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की तस्वीरें भी ले रखी थीं। जवाहरलाल नेहरू इंटरनेशनल स्टेडियम से निकाली गई इस विशाल रैली में भाग लेने वाले लोगों ने सीएए को लागू करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरूद्ध नारे लगाए।

नागरिकता कानून के विरूद्ध इस विरोध प्रदर्शन रैली का आयोजन संयुक्त रूप से मुस्लिम संगठनों की ओर से किया गया था, जिनमें ‘समस्त केरल जमीयतुल उलमा, केरल मुस्लिम जमात, दक्षिण केरल जमीयतुल उलमा, केरल नदवतुल मुजाहिदीन, जमात-ए-इस्लाम और मुस्लिम लीग शामिल हैं।

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राज्य के विभिन्न अन्य मुस्लिम संगठन भी इस संयुक्त परिषद का हिस्सा हैं, जिन्होंने दावा किया है कि विभिन्न महल्लू समितियों के अंतर्गत लाखों लोगों ने (मस्जिदों के धार्मिक क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र) रैली में भाग लिया है।

भावात्मक तौर पर उत्साह से भरे प्रदर्शनकारियों ने हाथों में अंबेडकर की तस्वीर और तख्तियां ले रखी थीं। वे नारा लगा रहे थे – “हम सबसे पहले और सबसे आखिर में हिंदुस्तानी हैं।” महात्मा गांधी की तस्वीर के नीचे एक तख्ती पर लिखा था- “हिंदुस्तान हमारा देश है” रैली का समापन स्टेडियम से पांच किलोमीटर दूर मरीन ड्राइव में हुआ।

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