तीन महीने पहले वायरल एक वीडियो में आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध से रिश्वत मांगते कैमरे में कैद हो गए थे। अब इस मामले में आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह नप गए हैं। 12 मार्च को वायरल हुए अनिरुद्ध सिंह के इस वीडियो पर अब जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। वाराणसी पुलिस कमिश्नर की ओर से की गई जांच में अनिरुद्ध सिंह के विरूद्ध रिश्वत वसूली के आरोप सिद्ध हो चुके हैं। फिलहाल अब विभागीय जांच की बात कही गई है।
अगर विभागीय जांच में दोष सिद्ध साबित हो गए तो अनिरुद्ध सिंह के ऊपर बर्खास्तगी की तलवार लटकती हुई नजर आ सकती है। आपको बता दें कि वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें वाराणसी कमिश्नरेट से हटाकर सीबीसीआईडी में भेज दिया गया था। इसके बाद उन्हें मेरठ के एसपी ग्रामीण के पद पर तैनात किया गया। दरअसल प्रारंभिक जांच में उन्हें दोषमुक्त करार दिया गया था।
हालांकि विवाद गहराया तो जांच की गति तेज की गई और आखिरकार उन्हें घूस कांड का आरोपी करार दिया गया। इसके बाद एक बार फिर अनिरुद्ध सिंह चर्चा में आ गए हैं। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि अनिरुद्ध सिंह आरंभिक जांच में दोषी पाए गए हैं। उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। शासन उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई करने के लिए हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं।
जानें किस केस में मांगी थी घूस
बताया जा रहा है कि रिश्वत मांगने का यह मामला तब का है। अनिरुद्ध सिंह वाराणसी के चेतगंज में एसपी के पद पर तैनात थे। उस समय स्कूल में एक बच्ची के रेप का मामला सामने आया था। अनिरुद्ध सिंह ने तब सफाई दी थी कि इस मामले में आरोपी पक्ष द्वारा लगातार प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी। उसे ट्रैप करने के लिए यह पूरी बातचीत की गई थी। अनिरुद्ध का कहना है कि तब सारी बातें उच्च अधिकारियों की जानकारी में थी। वीडियो कॉल पर बातचीत के दौरान अनिरुद्ध सिंह ने ₹20 लाख की घूस की मांग की और अब इसी मामले में अनिरुद्ध सिंह पर आरोप सिद्ध हो गए हैं।
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