Up kiran,Digital Desk : छत्तीसगढ़ के बालोद से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे जिले से आईं दो मजदूर महिलाओं की एक दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। यह घटना डौंडी थाना क्षेत्र के चिखली डेम के पास एक ईंट भट्ठे पर हुई, जहां नहा रही महिलाओं के ऊपर पानी की टंकी की दीवार गिर गई, जिसके मलबे में दबकर उन्होंने दम तोड़ दिया। इस हादसे में एक मासूम बच्ची भी गंभीर रूप से घायल हो गई है, जिसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
उन्हें क्या पता था, जहां नहा रही हैं वहीं कब्र बन जाएगी?
यह दिल दहला देने वाली घटना बुधवार को उस वक्त हुई, जब ईंट भट्ठे पर काम करने वाली कुछ महिलाएं काम खत्म होने के बाद वहीं बनी पानी की एक टंकी के नीचे नहाने के लिए बैठी थीं। उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि जिस टंकी की दीवार के सहारे वे बैठी हैं, वही मौत बनकर उन पर गिरने वाली है। अचानक जर्जर टंकी की दीवार भरभराकर ढह गई और सीधे महिलाओं के ऊपर आ गिरी।
हादसे के बाद वहां चीख-पुकार मच गई। आसपास मौजूद अन्य मजदूरों ने फौरन मलबा हटाने की कोशिश की, लेकिन जब तक उन्हें बाहर निकाला गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
दो परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
इस दर्दनाक हादसे में मरने वाली महिलाओं की पहचान बलौदाबाजार की रहने वाली चन्द्रकला (45 वर्ष) और आशा बारले (29 वर्ष) के रूप में हुई है। वे दोनों अपने परिवार के साथ यहां ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने आई थीं ताकि अपने परिवार का पेट पाल सकें।
घटना के तुरंत बाद तीनों को दल्लीराजहरा के संजीवनी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने चन्द्रकला और आशा को देखते ही मृत घोषित कर दिया। वहीं, मलबे में दबी मिली मासूम बच्ची की हालत भी बेहद गंभीर है। उसे प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए एक बड़े सेंटर में रेफर किया गया है, जहां वह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है।
दल्लीराजहरा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर ईंट भट्ठों पर काम करने वाले गरीब मजदूरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं
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