कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सीमा की सुरक्षा में तैैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों में उलझती नजर आ रही है। सत्तारूढ़ तृणमूल की तरफ से बीएसएफ पर भाजपा की मदद करने के उद्देश्य से मतदाताओं को धमकाने के आरोप लगाये गये हैं।
चटर्जी ने अरोड़ा से मुलाकात कर लगाए आरोप
तृणमूल महासचिव, राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को केंद्रीय चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर बीएसएफ के जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीमावर्ती गांवों में बीएसएफ के अधिकारी लोगों को एक विशेष पार्टी (भाजपा) को मतदान करने के लिए कह रहे हैं। ऐसा नहीं करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी जा रही है। गांव वालों को डरा धमका कर तृणमूल के खिलाफ मतदान के लिए मजबूर करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीएसएफ कर्मियों ने इसी तरह किया था।
इसके साथ ही चुनाव आयोग की ओर से प्रकाशित नई संशोधित मतदाता सूची में चार से पांच लाख रोहिंग्या मुसलमानों का नाम शामिल करने के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के आरोपों को भी पार्थ ने निराधार बताया। उन्होंने कहा कि इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है। मतदाता सूची में रोहिंग्या का नाम शामिल करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने और कानून व्यवस्था की स्थिति पर रखने के लिए चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में आयोग का फुल बेंच कोलकाता में है। वह विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
चुनाव आयोग की मदाता सूची पर भाजपा ने जताई आपत्ति
इसके पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया था कि चुनाव आयोग ने जो नई मतदाता सूची प्रकाशित की है उसमें चार से पांच लाख रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी घुसपैठियों को शामिल किया गया है।