कैंसर के इलाज से अब जल्द मिलेगी निजात, जाने क्या हैं तौर—तरीके

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लखनऊ। अक्सर देखा गया है की कैंसर के इलाज में के चलते पीढ़ित लोगों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता लेकिन अब ईलाज पर आसानी से काबू पाये जाने के लिए कठीन समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। जी हां आपको बतादें की, कैंसर के इलाज में कारगर लूटेशियम के लिए आने वाले समय में हमें रूस पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, क्योंकि अब हमारे वैज्ञानिकों ने लूटेशियम को देश में ही तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

तीन साल तक का लग सकता है वक्त

वहीं आपकों बताते चलें की, वैज्ञानिकों का दावा है कि, लूटेशियम को तैयार करने में तीन साल तक का वक्त लग सकता है, मगर भविष्य को लेकर हमारी राह जरूर आसान हो चलेगी। न्यूक्लियर फिजिक्स सेक्टर से जुड़े वैज्ञानिक कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण शोधों पर अगले पांच दिन लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली कांफ्रेस में चर्चा करेंगे।

लखनऊ विश्र्वविद्यालय के भौतिकी विज्ञान विभाग एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में डीएई, बीआरएनएस सिंफोजिएम ऑन न्यूक्लियर फिजिक्स पर पांच दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।

आयोजन से पहले रविवार को कार्यक्रम समन्वयक व भाभा परमाणु अनुसंधान के डॉ. एलएम पंत, हेड न्यूक्लियर फिजिक्स डिवीजन डॉ. बीके नायक व स्थानीय संयोजिका डॉ. ज्योत्सना सिंह ने बताया कि पांच दिवसीय संगोष्ठी में देश-विदेश के करीब 550 से अधिक भौतिक शास्त्र से जुड़े वैज्ञानिक शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि कांफ्रेंस में न्यूक्लियर फिजिक्स के तहत एक्स्ट्रा न्यूक्लियर रीएक्शन, न्यूक्लियर स्ट्रक्चर समेत विभिन्न पांच विषयों पर चर्चा होगी। साथ ही इस वर्ष न्यूक्लियर फिजिक्स के क्षेत्र में हुए हालिया शोधों पर प्रमुखता से चर्चा होगी।

उन्होंने बताया कि कैंसर के इलाज के लिए लूटेशियम आइसोटोप की जरूरत पड़ती है। मौजूदा समय में उसे बाहर से खरीदना पड़ता है, जिसकी एक ग्राम की कीमत हमें करोड़ों में चुकानी पड़ती है। अक्सर कई देश लूटेशियम देने से इन्कार भी कर देते हैं, ऐसे में दूसरों पर निर्भरता समाप्त कर खुद को इस दिशा में तैयार करना होगा।

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