बिहार में फर्जीवाड़े का CBI ने किया खुलासा

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बिहार का एक युवक फर्जी डिग्री का सहारा लेकर डिप्टी कमिश्नर बन गया. सीबीआई जांच के दौरान इस नटवरलाल की हकीकत को सामने लाया गया है. जिसके बाद अब सीबीआई कोर्ट में उपस्थित होने का समन भी जारी कर दिया गया है.

पटना के सेंट्रल जीएसटी कार्यलय में तैनात डिप्टी कमिश्नर नवनीत कुमार की मुश्किलें बढ़ गयी है. समाचार के अनुसार, नवनीत कुमार ने डिग्री में हेराफेरी करके देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा को पास कर लिया. यूपीएससी द्वारा 2007 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा , उन्होंने गलत प्रमाण पत्र देकर पास किया.

जांच में यह खुलासा हुआ है कि डिप्टी कमिश्नर नवनीत कुमार असल में बेतिया के राजेश कुमार हैं. 2007 में उन्होंने जन्म प्रमाण पत्र और शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हेराफेरी करके यूपीएससी की परीक्षा पास कर लिया. इसकी शिकायत सामने आने पर सीबीआई ने 2019 में जालसाजी, धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी.

सीबीआई ने इस मामले में अपना अनुसंधान पूरा कर लिया है. 30 जुलाई को पटना सीबीआई कोर्ट में राजेश कुमार ( फर्जी नाम- नवनीत कुमार) के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है. कोर्ट ने अपराध की कई अलग-अलग धाराओं के तहत मामले में संज्ञान लिया है. आरोपित को सीबीआई कोर्ट में हाजिर होने का समन जारी हुआ है.

सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि राजेश कुमार बेतिया के जय नारायण शर्मा का पुत्र है. जिसने जवाहर विद्यालय से 1987 में पढ़ाई की. जन्म प्रमाण पत्र में 5 दिसंबर 1974 अंकित है. राजेश ने यूपीएससी की परीक्षा देने के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और शैक्षणिक प्रमाण पत्र तैयार किया और 2007 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. जिसके बाद जीएसटी में वह डिप्टी कमिश्नर बन गया. लेकिन बाद में सारी पोल खुलकर सच्चाई सामने आ गई.

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