कोयला संकट पर केंद्र गंभीर, अमित शाह ने संभाली कमान, मंत्रियों और अफसरों के साथ कर रहे बैठक

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नई दिल्ली। देश में थर्मल पावर प्लांटों पर कोयले की कमी की वजह से होने वाले बिजली संकट को लेकर अब खुद गृहमंत्री अमित शाह ने कमान संभाल ली है। वे आज ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी और एनटीपीसी के अफसरों के साथ बैठक कर रहे हैं। बता दें कि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, यूपी समेत कई राज्यों ने कोयले की कमी का हवाला देते हुए कहा है कि अगर संकट जारी रहा तो आने वाले दिनों में देश भर में बड़े स्तर पर बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा सकती है।

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बिजली संकट को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। रविवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि केंद्र सरकार इस संकट को भी उसी तरह टाल रही है, जैसे कोरोना कल में ऑक्सीजन की कमी को टाला था। हालांकि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने ऐसी टिप्पणियों का जवाब देते हुए कहा था कि फिलहाल देश के कोयला पावर प्लांटों के पास 7.2 मिलियन टन का कोयला भंडार मौजूद है।

राज्यों में ब्लैकआउट के खतरे वाली खबर ख़ारिज

उन्होंने कहा है कि कोयला प्लांट्स में इतना भंडार है कि 4 दिनों तक बिजली की कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने देश के कई राज्यों में ब्लैकआउट के खतरे वाली खबरों को भी ख़ारिज कर दिया। बता दें कि मनीष सिसोदिया ने कहा था कि सरकारी कंपनी कोल इंडिया के पास भी 40 मिलियन टन का भंडार फिलहाल मौजूद है जिसे पावर स्टेशनों को सप्लाई किया जा रहा है।

ऊर्जा मंत्रालय का कहना था कि पावर सप्लाई में कमी या फिर बाधा आने की बातें पूरी तरह से गलत हैं। बता दें कि बीते कुछ महीनों में लॉकडाउन में ढील के चलते तेजी से इंडस्ट्री शुरू हुई है। इससे कोयले की खपत में इजाफा हुआ है। वहीं बारिश अधिक होने के चलते कई क्षेत्रों में कोयले का खनन प्रभावित हुआ है। इसी वजह से कोयले की सप्लाई में कमी देखने को मिल रही है।

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