DSP दविंदर सिंह केस में खुफिया एजेंसी के हाथ लगा ऐसा सबूत जो इस मामले में खोल रहा कई अहम राज, आतंकियों को ऐसे पहुंचाया फायदा

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नई दिल्ली॥ धारा 370 हटाए जाने के पश्चात सबसे बड़ा खुलासा जो हुआ वो DSP दविंदर सिंह को लेकर हुआ। इस केस में निरंतर चौंकाने वाली सूचनाएं सामने आ रही हैं। अरेस्ट DSP दविंदर सिंह केस में केंद्रीय खुफिया एजेंसी की टीम को एक बहुत मह्त्वपूर्ण सबूत मिला है।

DSP का कनेक्शन वर्ष 2005 में अरेस्ट किए गए संदिग्ध आतंकियों से भी जुड़ते दिख रहे हैं। आईबी के खुफिया सुत्रों के अनुसार, वर्ष 2005 में दिल्ली पुलिस ने सात संदिग्ध आतंकियों को अरेस्ट किया था। अरेस्ट 7 संदिग्धों के पास से AK-47 और बड़ी संख्या में नकली करेंसी भी बरामद हुई थी। इसके अलावा जांच अधिकारियों को एक चिट्ठी भी मिली थी, जिसे DSP ने लिखा था।

सभी सातों अरेस्ट किए गए संदिग्धों पर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए कार्य करने का इल्जाम लगा। इनमें से एक के पास मह्त्वपूर्ण कागजात बरामद हुआ था, जो DSP ने दिया था।

इस मह्त्वपूर्ण कागजात को DSP दविंदर सिंह ने अपने लेटर हेड पर हस्ताक्षर करके दिया था। लेटर में लिखा था कि गुलाम मोइनुद्दीन पुलवामा के रहने वाले हैं। ये हमेशा अपने पास पिस्टल और एक वायरलेस सेट रखते हैं। इसलिए सभी फोर्स से अनुरोध है कि बिना कोई पूछताछ/ जांच पड़ताल के उसे जाने दिया जाए। उन्हों कहीं पर भी रोका ना जाए।

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DSP के इस लेटर के पश्चात घाटी पुलिस ने लापरवाही करते हुए बिना जांच के वायरलेस सेट लेकर जाने की इजाजत दे डाली। जो उनकी किरकिरी बड़ा कारण बना। अब NIA इस पूरे मामले को लेकर दविंदर सिंह से कड़ी पूछताछ करेगी। बताया जा रहा है इसमें कई और परतें खुलने वाली हैं।

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