चाणक्य नीति : मनुष्य के पास अगर हैं ये तीन चीजें तो धरती पर मिलता है स्वर्ग

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नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य की नीतियों को हर जगह अपनाया जाता है और उन्हें बहुत अच्छा और प्रभावी बताया जाता है. ऐसे में हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि चाणक्य की नीतियां न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी बहुत लोकप्रिय हैं, वहीं नैतिकता के महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने जीवन की परेशानियों से बचने के लिए चाणक्य नीति में कई नीतियों का उल्लेख किया है. इंसान अगर समझ जाए तो उसका जीवन आसान हो सकता है। इस नीति में एक श्लोक के माध्यम से वे बताते हैं कि “यदि मनुष्य के पास तीन वस्तुएँ हों तो वह पृथ्वी पर स्वर्ग के सुख का अनुभव कर सकता है।” आइए जानते हैं क्या हैं वो चीजें…?

श्लोक – ‘यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी. विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि..’

अर्थ- जी हाँ, दरअसल आचार्य चाणक्य अपनी नीति के दूसरे अध्याय यानी चाणक्य नीति में लिखे इस श्लोक के माध्यम से समझाते हैं कि “यदि मनुष्य का बच्चा उसकी बातों का पालन करे, उसके आदेशों का पालन करे और माता-पिता का सम्मान करे।” अगर ऐसा है तो मां-बाप के लिए ऐसी स्थिति किसी स्वर्ग से कम नहीं है.” इस तरह उन्होंने बच्चे के बारे में बताया है. इसी के साथ उन्होंने कहा है, ”अगर बच्चे मां-बाप को नजरअंदाज कर उनका अपमान करते हैं तो उनका जीवन बन जाता है. नरक की तरह।”

वहीं चाणक्य ने बताया है कि अगर पत्नी साथ दे और बातें सुनती और समझती है तो जातक हमेशा खुश रहता है, वहीं अगर पत्नी पति की बात नहीं मानती है तो विवाद पैदा हो सकता है और फिर दोनों की जिंदगी बन जाती है. मुश्किल। हुह। इसी के साथ श्लोक के अंत में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि यदि मनुष्य के पास संस्कारी संतान और आज्ञा मानने वाली पत्नी के पास पर्याप्त धन हो तो उसे धरती पर स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

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