नई दिल्ली। सम्राट चन्द्रगुप्त को देश का महान शासक बनाने वाले आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) के नाम महान विद्वानों में लिया जाता है। वह एक कुशल रणनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और महान अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं। चाणक्य की बताई नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं और उनका ग्रंथ नीति शास्त्र आज भी लोगों की समस्याओं को हल करने में मददगार साबित होता है।
चाणक्य (Chanakya Niti) कहते हैं कि व्यक्ति को जीवन में कुछ बातों को अपनाना चाहिए और कुछ बातों से दूरी बना लेनी चाहिए। आइये जानते वह कौन-कौन सी बातें है जिनसे हर व्यक्ति को दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति को कभी अपने आप पर अभिमान नहीं करना चाहिए। वह कहते हैं कि व्यक्ति को परोपकारी, पराक्रमी, शास्त्रों का ज्ञान हासिल करना और विनम्र होना चाहिए।
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में बताया गया है कि जो हमारे मन में होता है वही हमारे सबसे निकट होता है। हो सकता है कि वास्तव में वह हमसे दूर हो लेकिन जो व्यक्ति निकट है वह हमारे मन में है इसलिए नजदीकियां निकटता तय नहीं करती हैं।
कुसंगति से रहें दूर (Chanakya Niti)
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को हमेशा गलत संगति से दूर रहना चाहिए और संत जनों से मेलजोल बढ़ाना चाहिए। गलत संगति से व्यक्ति अधर्म के रास्ते पर चला जाता है जिससे एक समय के बाद उकसा नुकसान होने लगता है और वह तरक्की नहीं कर पाता।
आचार्य नीति (Chanakya Niti) में बताया गए यही कि गरीबी, दुख और बंदी व्यक्ति के सब किए पापों का फल है इसलिए व्यक्ति को हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए और दूसरों के मन को दुखी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति का भविष्य सुखमय होता है
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के मुताबिक, हर व्यक्ति को अपने गुरु से ज्ञान लेना चाहिए। उनकी बातें सुननी चाहिए और उस पर अमल करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि कुछ चीजों को प्राप्त करें और कुछ को बनाए रखें।