चाणक्य नीति: जीवन में इन 3 लोगों का सहयोग बहुत मायने रखता है, इनकी मदद से बड़ी से बड़ी कठिनाई को दूर किया जा सकता है

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जीवन में सुख-दुःख का सिलसिला निरंतर चलता रहता है। सुख बांटने से दुगना सुख मिलता है और दुख बांटने पर घट जाता है। लेकिन बेशक आप किसी के साथ खुशियां बांट सकते हैं, लेकिन दुख या परेशानी सभी के साथ साझा नहीं की जा सकती। आचार्य चाणक्य ने ऐसे तीन लोगों का उल्लेख किया है जो किसी व्यक्ति के साथ हों तो उसकी ताकत बन जाते हैं। इन तीनों पर पूरा भरोसा किया जा सकता है और इनकी मदद से बड़े से बड़े दुख और कठिनाई को भी दूर किया जा सकता है। ये तीन लोग हैं बेटा, पत्नी और सच्चा दोस्त। अगर आपको भी अपने जीवन में इन तीन लोगों का साथ मिला है तो आपको खुद को भाग्यशाली समझना चाहिए।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ‘संसारत्पादगधानं त्रयी विश्रंतिहेतवः अपत्यं च कलात्रं चा सतं संगतिरेव चा’, इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सांसारिक ताप से जलने वाले लोगों को संतान, पत्नी और सज्जनों की संगति ही राहत दे सकती है। इस पर इस तरह से विस्तार से विचार करें।

बेटा
किसी भी माता-पिता को अपने बेटे से बहुत उम्मीदें होती हैं। यदि पुत्र को सही दिशा मिल जाए तो वह न केवल अपने माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा बनता है, बल्कि अपने परिवार का नाम भी रोशन करता है। एक गुणी पुत्र परिवार की ताकत है। ऐसे बेटे की मदद से जीवन की सबसे बड़ी मुश्किलों को दूर किया जा सकता है।

पत्नी
यदि पत्नी विनम्र और संस्कारी हो तो वह जीवन में पति की सच्ची मित्र सिद्ध होती है। ऐसी पत्नी विपत्ति के समय न केवल अपने पति का साथ देती है, बल्कि उसे संकट से लड़ने का साहस भी देती है। एक संस्कारी पत्नी के सहारे न केवल पूरा परिवार बल्कि कई पीढ़ियों का बेड़ा पार हो जाता है। यदि किसी पुरुष के जीवन में ऐसी पत्नी हो तो उसे अपने आप को भाग्यशाली समझना चाहिए।

सच्चा दोस्त
अगर कोई दोस्त सच्चा है तो वो आपके साथ आपके सुख-दुख दोनों का हिस्सा होगा। गलत रास्ते पर जाने से रोकेगा। आपकी कठिन परिस्थितियों में हर संभव तरीके से आपकी मदद और मार्गदर्शन करेंगे। ऐसा मित्र बहुत भाग्यशाली होता है। अगर आपका कोई ऐसा दोस्त है, तो वह आपकी सबसे बड़ी ताकत है। उसकी मदद से आप हर मुश्किल में जीवन को आसान बना सकते हैं।

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